Home Muzaffarpur जैसे-जैसे लोग जागरूक हो रहे…ठगी के भी नए-नए तरीके: ये है मुजफ्फरपुर की ATM फ्राड मैनेजमेंट कंपनी, हर माह तय वेतन पर 200 कर्मचारी…इन्सेंटिव भी

जैसे-जैसे लोग जागरूक हो रहे…ठगी के भी नए-नए तरीके: ये है मुजफ्फरपुर की ATM फ्राड मैनेजमेंट कंपनी, हर माह तय वेतन पर 200 कर्मचारी…इन्सेंटिव भी

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जैसे-जैसे लोग जागरूक हो रहे…ठगी के भी नए-नए तरीके: ये है मुजफ्फरपुर की ATM फ्राड मैनेजमेंट कंपनी, हर माह तय वेतन पर 200 कर्मचारी…इन्सेंटिव भी

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मीनापुर के पास ही बूढ़ी गंडक नदी किनारे गैंग का ट्रेनिंग सेंटर। ऐसा इसलिए कि अगर कभी गलती से पुलिस पहुंच भी गई तो सभी इलेक्ट्रानिक डिवाइस पानी में। यानी इस तरह के अपराध के सारे सबूत पूरी तरह खत्म।

उत्तर बिहार के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड और गिरोह का सरगना पंकज सहनी ने पंकज मैनेजमेंट कंपनी (पीएमसी) बना रखी है। यह कोई कंपनी नहीं, बल्कि ATM फ्राड करने वालों का गिरोह है। 2012-13 में शुरुआत इसकी हुई।

अब इसमें 200 से अधिक गुर्गे हैं। सभी को मंथली सैलरी मिलती है। खास यह कि गिरोह में 60 अपराधी सिर्फ पंकज के गांव मीनापुर के मधुवन कांटी के हैं।

इसी कारण इसे लोग साइबर फ्रॉड के अड्डे के रूप मे जानने लगे हैं। एक दशक से ज्यादा समय से पंकज सहनी साइबर फ्रॉड की तथाकथित कंपनी मीनापुर प्रखंड के रघई घाट से सटे मधुबन कांटी गांव से ही चला रहा है।

बुधवार को दैनिक भास्कर टीम उसके गांव पहुंची। खौफ या सम्मान… गांव में उसी के नाम से चौक-चौराहे का नाम भी है। गांव के एंट्री प्वाॅइंट पर ही जेल में बंद विकास के नाम पर विकास चौक का बोर्ड लगा है।

पंकज के पिता उमाशंकर सहनी राजद के मीनापुर प्रखंड के अध्यक्ष हैं। उनका एक दशक पहले तक फूस का घर था। अब शानदार पक्का मकान है‌। ग्रामीणों के अनुसार विकास सहनी के घर के बाथरूम तक में एसी लगा है। जैसे-जैसे पंकज और विकास के पास पैसा दिखने लगा, गांव के लड़के खुद ही उससे जुड़ने लगे। मटन-चावल-शराब की दावत तो अक्सर होती है। फिर जिसको जरूरत, उसे पैसे देकर भी गिरोह में शामिल करते हैं।

अब तेजी से गैंग में लड़कियों को रखा जा रहा है। इसमें अधिकतर मेहसी और चकिया की सीधी-सादी लड़कियां हैं, जिनपर लोग आसानी से विश्वास कर लें। गैंग की ट्रेनिंग में अब सबसे खास है कि एटीएम के नंबर बोर्ड पर आपकी चल रही अंगुली के डायरेक्शन से यह भांप लेते हैं कि गोपनीय पिन क्या होगा?

फिर एटीएम में चिप लगाने से लेकर किस तरह के लोगों को आसानी से ठगा जा सकता है? इसकी भी ट्रेनिंग दी जाती है। सरगना पंकज सहनी एलएस कॉलेज से फिजिक्स ऑनर्स पास है। उसने आईटी की ट्रेनिंग ले रखी है। कंप्यूटर का अच्छा जानकार है।

मास्टरमाइंड का पुलिस को ऑफर…दोस्त बनो तो ATM में सेंधमारी ही बंद करवा देंगे

सरगना के पिता बोले-ATM फ्राड के खात्मे में मदद का ऑफर दिया था- बेटा एटीएम फ्रॉड कर रहा है।
सात साल पहले उसको मर्डर केस में फंसाया गया। जेल में उसकी संगत गलत हो गई। बदनामी के बाद जो काम नहीं किया, वह केस भी उस पर लादा गया। ब्रह्मपुरा के इंस्पेक्टर विश्वनाथ राम को उसने कहा था सहयोग कीजिए तो एटीएम से जो अवैध निकासी हो रही है। यह सिस्टम की गड़बड़ी है। उस पूरे सिस्टम को बंद करा देंगे। पुलिस नहीं ली।
Q.पत्नी को छोड़ पंकज ने तवायफ से शादी की?
हां, चतुर्भुज स्थान रेड लाइट एरिया में मुजरा सुनते हुए गिरफ्तार हुआ था। वहीं की लड़की से लव मैरिज किया। उससे दो बच्चे हैं। उसे शिक्षा दिलवा रहा है।
पुलिस बोली- केस में फंसा था तो बोला था…अपराधी पर कैसे भरोसा कर लेते

आपके दूसरे बेटे के पास ~ 30 लाख व करबाइन बरामद हो चुका है।
वह अभी जेल में बंद है। राजनीतिक वजह से परेशान किया जा रहा है। 2015 से हम लोगों के परिवार को फंसाया जा रहा है। पिछली बार हम प्रमुख का चुनाव भी लड़े थे।
Q.उसको इस तरह का धंधा करने से नहीं रोकते?
कौन बाप चाहेगा कि उसका बेटा बिगड़ जाए। वह पढ़ने में बहुत तेज था। हम तो उससे कभी जेल, कोर्ट में मिलने भी नहीं जाते थे। बार-बार जेल जाने से वह खुद थक चुका है। मटन-बिरयानी खाने वाला लड़का अब नेनुआ-परवल खा रहा है। मुख्यधारा में लौटना चाह रहा है, तो पुलिस फंसाकर जेल भेज दे रही है।

ब्रह्मपुरा के तत्कालीन थानेदार इंस्पेक्टर विश्वनाथ राम ने कहा कि ढाई साल पहले पंकज सहनी के घर पर छापेमारी में नकदी और अत्याधुनिक हथियार बरामदगी हुई थी। तब उसने कहा था कि पुलिस केस में मदद करे, तो एटीएम फ्रॉड को बंद करवा देगा। क्रिमिनल-चोर की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

सरगना जेल में…फिर भी गैंग सक्रिय

बिहार गढ़, अब यूपी के साथ अन्य राज्यों में भी कर रहे हैं वारदात

सुबह-सुबह इस गांव से 2-2 बाइक पर 4 से 5 लड़कों का गैंग समस्तीपुर, बेगूसराय, मोतिहारी, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर शहर के लिए निकलता है। रात तक सभी वापस गांव लौट कर पंकज को हिसाब-किताब देते हैं। ठगी की पूरी राशि का आधा हिस्सा पंकज सहनी खुद रख लेता है। बाकी राशि का ऑफिशियली बंटवारा होता है। जिस अपराधी का जैसा हुनर है, उसे उसी के हिसाब से फ्रॉड की राशि में से इंसेंटिव भी देता है। धीरे-धीरे अब कुछ लोगों को बिहार के सीमावर्ती राज्यों झारखंड, उत्तर प्रदेश में भी सक्रिय किया है। वैसे हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली में भी वारदात में इस गैंग का नाम आया है।

पंकज सहनी (बाएं) व उसका शागिर्द विकास सहनी।

पंकज सहनी (बाएं) व उसका शागिर्द विकास सहनी।

एटीएम फ्रॉड के 90% केस में यही गैंग

^एटीएम फ्रॉड गैंग के सरगना पंकज सहनी और उसके मुख्य सहयोगी विकास को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पंकज के छोटे भाई पप्पू सहनी को पहले ही जेल भेजा गया था।

तब छापेमारी में उसके ठिकाने से 34 लाख रुपए और कारबाइन बरामदगी हुई थी। एटीएम फ्रॉड के 90 फीसदी मामले यही गैंग करता है। इसे नेस्तनाबूद करने के लिए पंकज के सहयोगियों की सूची तैयार है। इस गैंग पर कार्रवाई के बाद एटीएम फ्रॉड कम हुआ है। -जयंत कांत, एसएसपी, मुजफ्फरपुर

 

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