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अभिषेक रंजन/मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची देश ही नहीं विदेशों तक अपने स्वाद के लिए मशहूर है. यहां की शाही लीची को GI टैग भी प्राप्त है. विश्व प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी चखेंगे.
दरअसल, जिला के समाहरणालय में लीची संबंधित कार्य के लिए गठित लीची टास्क फोर्स ने बैठक की है. इसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लीची भेजने को लेकर एक टीम का गठन किया गया, जिसमें उद्यान पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी एवं अन्य कई अधिकारी को शामिल किया गया है. तय किया गया कि जिले के कांटी, मीनापुर, मुसहरी और बोचहां प्रखंड क्षेत्र के अच्छे फलों वाले चिन्हित बागान से एक हजार पेटी बढ़िया लीची चुनकर दिल्ली के बिहार भवन भेजा जाएगा. जहां से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जून के प्रथम सप्ताह में लीची पहुंच मिल जाएगी.
लीची लोड गाड़ी को नो एंटी में छूट
शाही लीची के किसानों को इस बार किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर भी एक निर्णय लिया गया है. लीची की गाड़ी अब नो एंट्री होने के बावजूद भी अगर कोई मालवाहक वाहन से रेलवे स्टेशन पर किसान अपना लीची लादकर ले आते हैं तो उनकी गाड़ी को नो एंट्री में छूट रहेगी. इसे लेकर डीडीसी ने एक पत्र भी जारी है. यह निर्देशित किया गया है कि लीची लोड वाहन के आगे किसान और कारोबारियों को यह डिस्प्ले करना होगा की वाहन पर लीची लोड है.
पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लोड होगी लीची
यहां के किसान देश के विभिन्न हिस्सों में रेलवे से लीची भेजते हैं. यहां लीची स्पेशल पार्सल बोगी के द्वारा अन्य प्रदेशों में भेजते हैं. इसको लेकर रेलवे द्वारा भी एक विशेष कार्य किया गया है. जिसके तहत जो किसान जितनी देर पहले या फिर कहें कि जितनी जल्दी आते हैं, उनका उतनी ही जल्दी लीची ट्रेनों में लोड हो जाएगा. किसानों को असुविधा न हो, इसलिए रेलवे के सुरक्षा बल भी मौजूद रहेंगे. रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि पहले आओ-पहले पाओ के नियम के अनुसार लीची लोड किया जा रहा है.
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पहले प्रकाशित : 18 मई, 2023, शाम 7:35 बजे IST
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