Home Muzaffarpur एईएस से बचाव का मुजफ्फरपुर माॅडल: अभियान चलाकर एईएस काे किया जाएगा काबू; रिकार्ड बनाने में जुटा जिला प्रशासन

एईएस से बचाव का मुजफ्फरपुर माॅडल: अभियान चलाकर एईएस काे किया जाएगा काबू; रिकार्ड बनाने में जुटा जिला प्रशासन

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एईएस से बचाव का मुजफ्फरपुर माॅडल: अभियान चलाकर एईएस काे किया जाएगा काबू; रिकार्ड बनाने में जुटा जिला प्रशासन

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एईएस से बचाव का मुजफ्फरपुर माॅडल अब राज्य के सभी 38 जिलाें में लागू हाेगा। इसी माॅडल पर अभियान चलाकर एईएस काे काबू किया जाएगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ब्योरा और रिकाॅर्ड बनाने में जुट गया है। इसके तहत जिले में 2020-21 में एईएस से बचाव के लिए चलाए अभियान, बचाव कार्य की बुकलेट बनाई गई है।

राज्य स्तर पर माॅनिटरिंग कमेटी गठित की गई है। वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्राेल विभाग के स्टेट प्राेग्राम अधिकारी डाॅ. विनय शर्मा इसकी माॅनिटरिंग कर रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि मुजफ्फरपुर माॅडल से एईएस पर एक तरह से काबू पाया गया है। इससे उत्साहित हाेकर इसे राज्यभर में लागू करने का निर्णय हुआ है।

सभी सिविल सर्जन काे मुजफ्फरपुर माॅडल की बुकलेट भेजी जा रही है। इसका प्रकाशन दिल्ली में कराया गया है। इसे लागू करने का टास्क दिया गया है। बता दें कि 2022 में जिले में मात्र 37 बच्चे बीमार हुए हैं। इसमें 35 स्वस्थ हाे गए हैं। दाे की माैत हुई है।

ऐसा है एईएस से बचाव का मुजफ्फरपुर माॅडल

  • जिले की 385 पंचायताें काे एक-एक वरीय अधिकारी ने गाेद लिया। हर शनिवार काे गांवाें में चाैपाल लगाकर ग्रामीणाें काे एईएस से बचाव की जानकारी दी।
  • आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम घर-घर जाकर बच्चाें की हर दिन खबर लेती रहीं। बुखार या अन्य लक्षण मिलने पर अस्पताल पहुंचाया।
  • बच्चाें काे अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस के अलावे गांवाें में निजी वाहन की व्यवस्था।
  • निजी वाहनाें का किराया सरकार ने निर्धारित किया, जिसका तुरंत भुगतान हुअा।
  • सभी प्रखंड और गांव में प्रचार वाहन बीमारी से बचाव को जागरूक किया।
  • पंफ्लेट, पाेस्टर, नुक्कड़ नाटक, साेशल मीडिया और वीडियाे से जागरुकता।
  • जनप्रतिनिधि, जनवितरण प्रणाली दुकानदार व अन्य माध्यम से जागरुकता।
  • घर-घर दूध और पाेषाहार का वितरण। हर पीएचसी में विशेष एईएस वार्ड बनाया।
  • एंबुलेंस चालक, ईएमटी, आशा, आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम, आयुष चिकित्सक समेत अन्य डाॅक्टर और फ्रंटलाइन वॉलंटियर्स समेत 39000 काे ट्रेनिंग दी।

प्रतिनियुक्त अधिकारियाें ने अभियान में ऐसे रखी नजर

इधर, पंचायतों में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी प्रचार-प्रसार एवं जन जागरुकता संबंधी कार्य जैसे पीएचसी, एपीएचसी, महादलित टोलों के प्राथमिक स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व महादलित टोला के सामुदायिक भवनों पर दीवार लेखन, हैंडबिल, पंफ्लेट वितरण व माइकिंग आदि की मॉनिटरिंग करते रहे।

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