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आवारा कुत्तों की संख्या पर लगाम के लिए फैसला
मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खास तौर से रात के समय आवारा कुत्ते बाइक सवारों पर झपट पड़ते हैं। इनके काटने से कई लोग घायल भी हो चुके हैं। यही नहीं पिछले साल अगस्त महीने में मिठनपुरा थाना इलाके में तीन साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी। इसी के बाद आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने की मांग उठी।
एक करोड़ का बजट पास… कर्मियों को मिलेंगे इतने पैसे
ऐसे में मुजफ्फरपुर नगर निगम आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने जा रही है। इसके लिए एक करोड़ का बजट पास किया जा चुका है। डॉग कैचर वैन भी तैयार कर लिया गया है। इसके लिए कर्मचारियों को भी लगाया जा चुका है। जो भी कर्मी इन कुत्तों को पकड़ने के लिए जाएंगे। उन्हें प्रति कुत्ता दो सौ रुपये दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। वहीं नसबंदी करने के लिए पशु कल्याण बोर्ड की ओर से प्रति कुत्ता 1650 रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान पहले से बना हुआ है। साथ ही इन आवारा कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीन भी दिया जाएगा।
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टेंडर के जरिए नसबंदी के लिए तय होगी एजेंसी
अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इन आवारा कुत्तों को पकड़ने और उसकी नसबंदी करने के लिए एजेंसी पर फैसला टेंडर के जरिए किया जाएगा। इसमें किसी दूसरे शहर में ऐसा काम कर चुकी एजेंसी को प्राथमिकता देने पर भी विचार किया गया है। एक अनुमान के अनुसार अभी लगभग छह हजार आवारा कुत्ते नगर निगम क्षेत्र में होने की उम्मीद जताई गई है।
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क्यों उठाया ये कदम मुजफ्फरपुर मेयर ने बताया
मेयर निर्मला साहू का कहना है कि इस कार्यक्रम के बाद धीरे-धीरे शहर के अंदर आवारा कुत्तों की संख्या मे कमी आएगी। स्मार्ट सिटी की दौड़ के शामिल मुजफ्फरपुर के लोग निडर होकर रात को सड़कों पर निकल सकेंगे। उन्हें इन कुत्तों का डर नहीं रहेगा। इसके बावजूद भी अगर कुत्ते के काटने की घटना घटती है तो एंटी रेबीज वैक्सीन दिए होने की वजह से पीड़ितों का आर्थिक नुकसान नहीं होगा। साथ ही उन्हें कुत्ता काटने से होने वाली बीमारियों से भी बचाया जा सकेगा।
रिपोर्ट- संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर
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