Home Muzaffarpur आय से अधिक संपत्ति मामले में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गिरफ्तार: गाड़ी और आवास से मिले थे 67 लाख रुपए, मुजफ्फरपुर पुलिस ने की थी कार्रवाई

आय से अधिक संपत्ति मामले में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गिरफ्तार: गाड़ी और आवास से मिले थे 67 लाख रुपए, मुजफ्फरपुर पुलिस ने की थी कार्रवाई

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आय से अधिक संपत्ति मामले में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गिरफ्तार: गाड़ी और आवास से मिले थे 67 लाख रुपए, मुजफ्फरपुर पुलिस ने की थी कार्रवाई

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तत्कालीन अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार।

आय से अधिक संपत्ति और भ्र्ष्टाचार अधिनियम मामले में फंसे दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार को सोमवार को मुजफ्फरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। इसकी पुष्टि SSP जयंतकांत ने की। बताया कि गिरफ्तारी आदेश जारी हो चुका था।

पुलिस को सूचना मिली कि वह शहर में आया हुआ है। इसी आधार पर रेड कर उसे दबोच लिया गया। पिछले वर्ष 21 अगस्त को जिले के फकुली ओपी अंतर्गत NH-57 पर पुलिस ने उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपए कैश बरामद किए थे। उक्त रुपए उन्होंने सीट के नीचे झोला में रखकर छुपा रखा था।

मौके से अधीक्षण अभियंता और चालक सरोज कुमार को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद दरभंगा स्थित उसके आवास पर छापेमारी की गई। वहां अलमीरा में बने सेफ से 49 लाख रुपए कैश और संपत्ति के कागजात मिले थे।

उक्त रुपए के संबंध में पूछने पर अनिल कुमार ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया था। फकुली ओपी प्रभारी उदय कुमार सिंह के बयान पर आय से अधिक संपत्ति और भ्र्ष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।

केस के IO तत्कालीन ASP वेस्ट सैयद इमरान मसूद थे। लेकिन, उनके तबादले के बाद वर्तमान DSP वेस्ट अभिषेक आनन्द को केस का IO बनाया गया था।

अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार।

अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार।

विभाग ने कर दिया था सस्पेंड

गाड़ी और आवास से रुपए बरामद होने का मामला सामने आने के बाद ग्रामीण कार्य विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया था। फिलहाल वे निलंबन अवधि में चल रहे थे। रुपए बरामदगी के समय पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था।

लेकिन, पूछताछ के बाद PR बांड पर छोड़ दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। अनुसंधान में यह पता लगा कि उक्त रुपए उन्होंने अवैध तरीके से अर्जित किये थे।

योजना पास करने और विभागीय काम कराने के लिए अवैध रूप से उगाही का पता लगने पर गिरफ्तारी आदेश जारी किया गया था। इसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

भुगतान पर लग चुका रोक

मुख्यमंत्री सचिवालय ने उसके द्वारा पास किये गए योजना पर भी रोक लगा दिया था। साथ ही भुगतान पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया था। इन योजनाओं की दोबारा जांच करने की बात कही गयी थी।

भाजपा विधायक संजय सरावगी ने भी इसे लेकर विधानसभा में सवाल उठाया था। कहा कि तीन महीने बाद भी उन्हें सस्पेंड क्यों नहीं किया गया। इसी के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।

 

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