आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने के लिए अब वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब घर बैठे ऑनलाइन ही कार्ड बन जाएगा। इसके लिए सरकार ने पोर्टल लांच किया है। इसी पोर्टल से अब कार्ड बनाया जा सकेगा। अभी वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय से कार्ड बनवाने में करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लगता है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर हफ्ते से दस दिन में बन जाएगा।
आयुष्मान भारत के कॉर्डिनेटर विद्या सागर ने बताया कि लाभार्थियों को कार्ड बनाने के लिए Setu.pmjay.gov.in पर जाना होगा। यहां जाकर अगर पहले से आवेदन किया हुआ कार्ड बन गया है तो वह डाउनलोड भी हो सकेगा। इसके साथ नया कार्ड भी बनवा पाएंगे। सरकार ने लोगों खासकर वृद्धजनों की सहूलियत के लिए कार्ड को ऑनलाइन कर दिया है।
विद्या सागर ने बताया कि इस पोर्टल के जरिए लोग उनलोगों के नाम भी देख सकते हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। आयुष्मान कार्ड उनलोगों के बनाए जाएंगे, जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र हो या राशन कार्ड में नाम हो।
आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर
आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर है। पहले स्थान पर अररिया है। मुजफ्फरपुर में 24 लाख 91 हजार 879 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अबतक तीन लाख 21 हजार 337 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। यह आंकड़ा सिर्फ 13 प्रतिशत है। पूरे बिहार में पांच करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बने हैं।
डोर टू डोर जाकर भी बन रहा है कार्ड
कॉर्डिनेटर ने बताया आयुष्मान कार्ड लोगों के घर-घर जाकर भी बनाया जा रहा है। दिल्ली की एक एजेंसी को इसका काम दिया गया है। हमारा लक्ष्य गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनवाना है। उन्होंने बताया कि कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं।
इसलिए डोर टू डोर कार्ड बनवाने का अभियान शुरू किया है। यह अभियान नवंबर से जिले में चल रहा है। बाहर से आए लोगों का इसके तहत कार्ड भी बनाया गया है। कॉर्डिनेटर ने बताया कि इस बार से कार्ड पर कोरोना और एईएस का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।
सभी निजी लैब को जोड़ने की शुरू होने वाली है योजना
आयुष्मान भारत के तहत निजी लैब को जोड़ने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी रूपरेखा तैयार की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत अभी जिले में 37 अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस मिला है।