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संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर: मीनापुर विधानसभा चुनाव 2019 में रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जनसभा की थी। इसे लेकर दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मंगलवार को उन्होंने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के जज विकास मिश्रा के समक्ष सरेंडर किया था। माननीय जज विकास मिश्रा ने उन्हें जमानत दे दी है। मामला वर्ष 2019 का है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार किया जा रहा था। अचार संहिता लागू होने के कारण चुनावी सभा की समय सीमा चुनाव आयोग की ओर से तय की गई थी। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही चुनावी सभा करनी था। लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा ने मीनापुर में 4.35 बजे तक सभा की। इसके बाद सेक्टर अधिकारी राजदेव राम ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें चार्जशीट दायर होने कर बाद उपेंद्र कुशवाहा ने आज कोर्ट में सरेंडर किया। जज विकास मिश्रा ने उन्हें जमानत देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 7 जुलाई की मुकद्दर की है।
JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज मुजफ्फपरपुर स्थित MP MLA कोर्ट में सरेंडर किया। सुनवाई के बाद उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दिया। बाहर निकलने के दौरान उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि 2019 के आचार संहिता उल्लंघन मामले में आज न्यायालय से जमानत के लिए आए थे।
अग्निपथ योजना को लेकर पुनर्विचार करने की जरूरत: कुशवाहा
इसी दौरान पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा की जिस तरह से छात्र का प्रदर्शन हो रहा है और छात्र अपने हित की लड़ाई लड़ रहे हैं, ऐसे में सरकार को इस अहम मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। सरकार को अग्निपथ योजना को लेकर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
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