Home Muzaffarpur शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शुरू हुआ ‘लेटर गेम’: मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को लेना पड़ा संज्ञान, पूर्व में दर्जनों मीटिंग और पत्राचार के बावजूद नहीं हुआ सुधार

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शुरू हुआ ‘लेटर गेम’: मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को लेना पड़ा संज्ञान, पूर्व में दर्जनों मीटिंग और पत्राचार के बावजूद नहीं हुआ सुधार

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शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शुरू हुआ ‘लेटर गेम’: मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को लेना पड़ा संज्ञान, पूर्व में दर्जनों मीटिंग और पत्राचार के बावजूद नहीं हुआ सुधार

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मुजफ्फरपुर ट्रैफिक।

मुजफ्फरपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दिन पर दिन बद से बदतर होती जा रही है। ट्रैफिक पुलिस मौन है। उनके पास इसे दुरुस्त करने को लेकर कोई प्लान नहीं है। ट्रैफिक को लेकर जो नियम बनाये गए थे। वह बस अब कागजों पर ही दिखते हैं। असल मे ऐसा कुछ नहीं है।

एक बार फिर से शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ‘लेटर गेम’ (पत्राचार) शुरू हो गया। ट्रैफिक पुलिस की शिथिलता को देखते हुए लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को संज्ञान लेना पड़ा है।

SDO पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने ट्रैफिक DSP आर एन सिंह को पत्र भेजा है। कहा है कि मोतीझील, स्टेशन रोड और जुरन छपरा में हर दिन जाम की समस्या उतपन्न हो रही है। शहरवासियों को इससे काफी परेशानी हो रही है।

इससे निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक जवानों की तैनाती इन जगहों पर करें। इसके साथ ही ट्रैफिक के जो नियम है। उसका सख्ती से पालन भी कराएं। अब देखने वाली बात होगी कि इसका कितना असर पड़ता है।

सड़क और नाला निर्माण से चरमराई व्यवस्था

शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विभिन्न जगहों पर सड़क और नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। इस कारण सड़के पतली हो गयी है। अगर इन मार्गों में चार पहिया प्रवेश कर जाता है तो देखते-देखते भीषण जाम कगे जाती है।

ट्रैफिक जवान बस मूकदर्शक बनकर रह जाते हैं। अभी हरिसभा चौक रोड और स्टेशन रोड में कार्य हो रहा है। इस कारण यहां हर दिन लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। लेकिन, अगर ट्रैफिक विभाग के पास कोई वैकल्पिक प्लान हो तो इसका निदान निकल सकता है। खासकर वन वे सिस्टम को सख्ती से लागू कराना होगा।

वरीय अधिकारी तक कर चुके समीक्षा

जिले में यातायात को दुरुस्त करने के लिए दो साल पूर्व ट्रैफिक DSP की तैनाती हुई थी। लेकिन, इसका कोई भी बदलाव शहर में देखने को नहीं मिला। हालात और भी बद से बदतर होती चली गयी। कई रास्तों में वन वे सिस्टम लागू किया गया। और मुश्किल से यह 10 दिन ही चल पाया। इसके बाद लोग आराम से इसका उलंघन करते दिखे।

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पूर्व में भी कई बार मुख्यालय के वरीय अधिकारियों ने समीक्षा की। जिला स्तर पर भी बैठक और पत्राचार हुआ। और एक से दो सप्ताह तक ही इसका असर देखने को मिला। फिर स्थिति जस की तस हो गयी। एक बार फिर से sdo पूर्वी ने पत्र भेजा है।

जवानों की कमी की बात

ट्रैफिक DSP से जब शहर में जाम की समस्या पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिर्फ 60 जवान है। दूसरा शहर में निर्माण कार्य चल रहा है। सड़कों की हालत खराब है।

इसी कारण जाम लगता है। और 30 जवानों को उतारा जा रहा है। वे खुद भी इसे देख रहे हैं। शीघ्र ही इससे निजात मिलने की बात कही है।

 

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