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मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के शेखपुर ढाव से मुंहबोले मामा ने ट्रेवल एजेंसी संचालक राजीव कुमार के बेटे रॉकी (12) का अपहरण कर लिया। फिर पिता को कॉल कर 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। रुपये नहीं देने पर बच्चे की हत्या की धमकी दी गयी। अपहरणकर्ताओं ने कहा कि अगर पुलिस को सूचना दी तब भी रॉकी की हत्या कर दी जाएगी।
रैंसम मनी का फौरन इंतजाम करने को कहा गया। राजीव ने काफी सोच विचार के बाद अहियापुर थाना में शिकायत दर्ज कराई। मामला SSP जयंतकांत तक पहुंचा। उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए 15 सदस्यीय टीम गठित की। जिसका नेतृत्व टाउन DSP रामनरेश पासवान कर रहे थे।
टीम में DIU प्रभारी शुजाउद्दीन और SIT के योगेंद्र प्रसाद भी थे। जिस नम्बर से कॉल आया था। उसका लोकेशन निकाला गया। अपहरणकर्ताओं का लोकेशन नेपाल बॉर्डर के आसपास मिला। लेकिन, फिरौती की रकम गायघाट में लेकर आने को कहा गया था। इससे पुलिस कन्फयूज हुई। तब SSP ने तीन अलग-अलग टीम बनाई। एक टीम नेपाल तो दूसरी गायघाट और एक छपरा इलाके में कैम्प करने लगी।
बार-बार बदल रहा था लोकेशन
अपहरणकर्ताओं के मोबाइल का लोकेशन बार-बार बदल रहा था। पुलिस जब इस लोकेशन पर पहुंचती तो मोबाइल स्विच ऑफ हो जाता था। इससे पुलिस को परेशानी होने लगी। शुक्रवार शाम को अपहरणकर्ताओं ने राजीव को कॉल किया।
गायघाट में फिरौती की रकम लेकर आने को कहा। लेकिन, आठ बजे जब राजीव ने दोबारा उस नम्बर पर कॉल किया तो मोबाइल स्विच ऑफ था। फिर रात को कॉल कर छपरा आने को कहा।
पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दबोचा
इसी दौरान पुलिस को अपहरणकर्ता का लोकेशन छपरा में मिला। वहां पहले से एक टीम मुस्तैद थी। SSP के निर्देश पर टीम ने छपरा रेलवे स्टेशन के समीप घेराबंदी कर ली। राजीव फिरौती के रकम में से 8 लाख रुपये लेकर वहां पहुंचे। जैसे ही अपहरणकर्ता रुपये लेने आया।
विशेष टीम ने उसे दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर बच्चे को वहीं से सकुशल बरामद किया गया। रैंसम मनी भी मिल गयी। आरोपियों की पहचान सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज के सरोज कुमार और गोपालगंज महुआ के रवि कुमार के रूप में हुई है। सरोज मुंहबोला मामा बताया गया है।
आरोपी का घर पर था आनाजाना
पीड़ित राजीव ने बताया कि आरोपी सरोज उनके साला विजय का दोस्त है। पहले विजय के साथ वह घर पर अक्सर आता था। इससे पहचान हो गयी थी। 2018 में उनके साले विजय की मौत हो गयी थी। फिर भी सरोज कभी-कभी उनके घर आताजाता था। रॉकी से वह काफी घुल मिल गया था।
वह उसे मामा बुलाता था। सरोज भी उसे सगे भांजे की तरह प्यार करता था। उसके लिए कभी चॉकलेट तो कभी गिफ्ट्स लेकर आता था। लेकिन, हमे क्या पता था कि उसकी नीयत में खोट है। वह बस सही मौके की तलाश में था।
शाम में कॉल कर रॉकी को बुलाया
राजीव ने बताया कि 10 मई की शाम को सरोज ने रॉकी को कॉल कर बाहर दुकान पर आने को कहा। रॉकी जब वहां गया तो उसे घुमाने ले जाने की बात बोलकर गाड़ी में बैठा लिया और चला गया। जब रॉकी काफी देर घर नहीं पहुंचा तो वे लोग खोजबीन करने लगे।
लेकिन, उसका पता नहीं लगा। रात को अहियापुर थाना में जाकर शिकायत की। इसके कुछ देर बाद सरोज का कॉल आया कि रॉकी का किडनैप कर लिया है। फिरौती में 30 लाख रुपये चाहिए। यह सुनते ही राजीव समेत पूरा परिवार दहशत में आ गया।
एक करोड़ रुपए होने की थी जानकारी
राजीव एक जमीन की खरीद बिक्री कर रहे थे। यह करोड़ो का सौदा बताया जा रहा है। इसकी चर्चा उन्होंने सरोज से की थी। उसने इसी मौके का फायदा उठाया। उसे पता था कि राजीव के पास एक करोड़ रुपए हैं। उसने रॉकी का अपहरण किया और 30 लाख की फिरौती मांग ली। लेकिन, राजीव ने कहा कि वह डील कैंसल हो गयी थी। बहुत मुश्किल से 8 लाख रुपये जुटा पाए थे।
नेपाल में भी था छुपा हुआ
अपहरणकर्ता ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अहियापुर से रॉकी को अगवा करने के बाद नेपाल बॉर्डर पार कर ले गया था। रॉकी को तबतक अंदाजा नहीं था कि उसका अपहरण हुआ है। वह मामा के साथ मजे लेकर घूम रहा था। करीब 24 घन्टे से अधिक तक कभी नेपाल बॉर्डर के उस पार तो कभी इस पार कर रहा था। इसके बाद वहां से रैंसम मनी लेने के लिए गायघाट फिर छपरा पहुंचा। जहां पुलिस ने उसे दबोच लिया।
रुपए लेकर कर देता हत्या
SSP ने बताया कि रुपए लेने के बाद भी ये लोग बच्चे की हत्या कर देते या गायब करने की फिराक में थे। अपहरणकर्ताओं ने कहा कि रॉकी ने उसे पहचान लिया था। अगर उसे छोड़ देते तो वह सबकुछ सच बता देता। वे दोनों पकड़े जाते। इसी बात को छुपाने के लिए रुपए लेने के बाद उसकी हत्या करने की प्लानिंग थी। SSP ने कहा कि टीम के सभी सदस्यों ने बेहतरीन कार्य किया है। इसके लिए सभी को सम्मानित किया जाएगा।
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