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मुजफ्फरपुर जिले के कांटी में विशेष टीम में कार्रवाई करते हुए ATM फ्रॉड गिरोह के चार शातिरों को दबोच लिया। लेकिन, इस गिरोह का सरगना पंकज सहनी एक बार फिर पुलिस के हाथ लगने से बचकर भाग निकला। वह अपने छह शागिर्दों के साथ नशापान कर रहा था। इसके साथ आपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिश भी रच रहा था।
इसी दौरान SSP जयंतकांत को इसकी गुप्त सूचना मिली। उन्होंने DSP वेस्ट अभिषेक आनन्द के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई का निर्देश दिया। DSP वेस्ट ने कांटी पुलिस के सहयोग से कांटी हाई स्कूल परिसर में रात के अंधेरे में छापेमरी की।
टीम को देखते ही वहां से सरगना पंकज सहनी, विकास कुमार और अमर फरार हो गए। मौके से चार शातिरों को दबोचा गया।
पूछताछ में इनकी पहचान मीनापुर पानापुर के हरप्रीत कुमार, शेखर कुमार और आदर्श कुमार, कांटी मधुबन के चंदन कुमार के रूप में हुई। तलाशी लेने पर इनके पास से एक पिस्टल, एक देसी कट्टा, गोली और दो बाइक बरामद हुई।
इसके अलावा मादक पदार्थ और मोबाइल भी जब्त किया गया। जब्त बाइक चोरी की है या नहीं, इसका पता करने के लिए DTO से समर्पक साधने की कवायद की जा रही है।
नौ साल से सिरदर्द बना पंकज
मुजफ्फरपुर जिले और इसके आसपास के जिलों में ATM फ्रॉड का सबसे बड़ा गिरोह पंकज चलाता है। इसके गिरोह में 100 से अधिक लड़के हैं। यहां तक कि पंकज का भाई पप्पू भी इसी धंधे से जुड़ा है।
वह एक साल पूर्व ATM फ्रॉड मामले में जेल भी गया। करीब नौ साल से पंकज जिला पुलिस के लिए सिरदार बन चुका है। उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रही है।
अर्जित कर चुका करोड़ों की सम्पत्ति
पंकज इस धंधे से करोड़ो रूपये की चल अचल संपत्ति अर्जित कर चुका है। उसने अपने गांव के दर्जनों नए लड़को को इस धंधे में उतार रखा है। पंकज को नए लड़के आइकॉन मानते हैं। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।
पुलिस पर कर चुका फायरिंग
कच्ची पक्की में दो साल पूर्व उसने आर्मी जवान के साथ ATM फ्रॉड करने की कोशिश की। जवान ने जब उसे दबोच लिया तो फायरिंग कर वहां से भाग निकला था।
ब्रह्मपुरा में दो साल पूर्व तत्कालीन थानेदार उपेंद्र कुमार और उनकी टीम पर भी फायरिंग कर बच निकला था। फायरिंग में पुलिस बाल-बाल बच गयी थी। उसने और उसके भाई ने मिलकर अवैध तरीके से करोड़ो रूपये कमाए और सम्पत्ति अर्जित की है।
PMC नाम से कम्पनी चलाता है
पंकज PMC (पंकज मैनेजमेंट कम्पनी) नाम से एक संस्थान चलाता है। जिसमे नए लड़कों को जोड़ता है और उसे ATM फ्रॉड के ट्रिक बताता है। लड़को को ट्रेनिंग देता है। फिर जब वे ट्रेंड हो जाते हैं तो उन्हें मार्केट में उतारता है।
गिरोह के सभी लड़को को वह सैलरी देता है। नए लड़को को 15-20 हजार रुपए और पुराने लड़को को 50-60 हजार रुपये महीना देता है। वे लोग उत्तर बिहार में फ्रॉड की घटना करते हैं। फिर उस पैसे को सही ठिकाने तक पंकज पहुंचाता है।
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