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मुंबई. सोने के गहनों और संगीत से मशहूर हुए महान गायक और कंपोजर बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) का बुधवार को निधन हो गया. उन्होंने 69 साल की आयु में मुंबई स्थित क्रिटीकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली. खास बात है कि देश में 80-90 के दशक में डिस्को म्यूजिक को नई पहचान दिलाने में बप्पी दा की बड़ी भूमिका रही है. बीते साल बप्पी दा को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण भी हो गया था.
अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नमजोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘लाहरी करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी, लेकिन उनकी सेहत मंगलवार को बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को घर बुलाया. उन्हें अस्पताल लाया गया. उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थी. उनकी देर रात ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया) के कारण मौत हो गई.’
क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक क्लीनिकल डिसऑर्डर है, जिसमें आमतौर पर जोर से खर्राटों के साथ नींद के दौरान बार-बार सांस रुकने की परेशानी आती है. इस तरह सांस का रुकना शरीर में कुछ पलों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद कर देता है और कार्बन डाई ऑक्साइड के बाहर निकलने को रोक देता है. परिणामस्वरूप, व्यक्ति थोड़े समय के लिए जागता है, उसके सांस लेने की प्रक्रिया दोबारा शुरू होती है.
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WHO के अनुसार, यह रात के दौरान कई बार हो सकता है, जिसके चलते अच्छी नींद लेना नामुमकिन हो जाता है. वहीं, दिन के दौरान व्यक्ति को अधिक नींद आ सकती है. साथ ही इससे जूझ रहे व्यक्ति को ध्यान लगाने में भी मुश्किल होती है.
कैसे होती है पहचान
WHO के अनुसार, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की पहचान पोलीसोम्नोग्राफी के जरिए होती है. इसमें नींद के दौरान शरीर की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है. साथ ही इसमें पल्स ऑक्सिमेट्री भी शामिल है, जो किसी भी समय पर खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापती है. WHO के मुताबिक, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया अपने आप में जानलेवा नहीं है, लेकिन यह कार्डीवैस्क्युलर और सेरेब्रोवास्कुलर रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.
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