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मुंबई: बप्पी लहिरी (Bappi Lahiri) का जन्म 27 नवंबर 1952 में पश्चिम बंगाल के जलापाईगुड़ी में हुआ था. बप्पी दा ही थे जिनकी बनाई धुनों ने 80 के दशक में धूम मचा दी थी. बॉलीवुड को डिस्को और रॉक म्यूजिक से रुबरू करवाने वाले बप्पी दा ने ‘डिस्को डांसर’ (Disco Dancer), ‘डांस-डांस’ (Dance Dance) फिल्मों में शानदार धुन और गाने देकर पर देश भर के नौजवानों को थिरकने पर मजबूर कर दिया था. बप्पी दा जितने मशहूर अपने संगीत और गानों के लिए थे, उतने ही ज्वैलरी प्रेम को लेकर भी थे. बप्पी दा भारी भरकम कई चेन पहन कर जब स्टेज पर आते तो अपने खास अंदाज में दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देते थे. 15 फरवरी 2022 को अपने सभी चाहने वालों को रुलाकर दुनिया से भले ही चले गए लेकिन अपने संगीत की वजह से अमर हैं. बप्पी दा की पहली जयंती पर बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
आज अगर बप्पी दा जिंदा होते तो 70वीं सालगिरह मना रहे होते. जिस उम्र में बच्चे बोलना और चलना सीखते हैं उस उम्र में बप्पी दा ने वाद्ययंत्र थाम लिया था. मात्र 3 साल की उम्र में तबला बजाना शुरू कर दिया था. 17 साल की उम्र तक पहुंचते पहुंचते उन्होंने अपने करियर की दिशा तय कर ली थी. बप्पी को यूं तो घर में भी संगीत की शिक्षा मिली लेकिन प्रसिद्ध संगीतकार,गायक एस डी बर्मन की वजह से इंडस्ट्री में आए. बप्पी को बर्मन दा के गाने बहुत पसंद आते थे, इसलिए उन्हें खूब सुना और नियम से रियाज किया करते थे.
बप्पी लहिरी ने बदल दिया था लोगों के संगीत का टेस्ट
बप्पी लहिरी ने 1972 में बंगाली फिल्म दादू में संगीत दिया था. इसके बाद बतौर संगीतकार पहली हिंदी फिल्म 1973 में आई ‘नन्हा शिकारी’ थी. लेकिन बप्पी दा को असली नाम और दाम ताहिर हुसैन की 1975 में आई फिल्म ‘जख्मी’ से मिला था. इस फिल्म में म्यूजिक भी दिया और प्लेबैक सिंगिंग भी किया तो दोगुने दाम भी मिले. इस फिल्म में मिली सफलता के बाद बप्पी लहिरी को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा और इसके साथ ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक नए युग की एंट्री करवा लोगों के म्यूजिक टेस्ट को बदलने का काम किया. ‘डिस्को डांसर’, ‘डांस-डांस’, ‘शराबी’, ‘नमक हलाल’ जैसी फिल्मों को शानदार संगीत दे सुपरहिट बनाया. बप्पी लहिरी फेमस सिंगर, म्यूजिक डायरेक्टर, रिकॉर्डिंग प्रोड्यूसर होने के साथ-साथ एक्टर भी थे. बतौर एक्टर भी कुछ फिल्मों में काम किया था.
श्रीदेवी के साथ बप्पी लहिरी. (फोटो साभार: Movies N Memories/Twitter)
सोने से था विशेष प्रेम, इससे बनी अलग इमेज
बप्पी दा हॉलीवुड सिंगर एल्विस प्रेस्ली से प्रभावित थे..मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बप्पी दा ने बताया था कि ‘एल्विस प्रेस्ली सोने की चेन पहनते थे और मुझे वह काफी पसंद आता था. जब मैं उन्हें देखता था तो सोचता था कि जब मैं सफल इंसान बना तो अपनी अलग इमेज बनाउंगा और खूब सोना पहनूंगा. जब मेरे पास पैसा आया तो मैं इतना सोना पहन पाया. गोल्ड मेरे लिए लकी है’. बप्पी लहिरी को जैसे जैसे कामयाबी मिलती गई , उनके शरीर पर सोने के गहनों की संख्या भी बढ़ती गई. हाथ और गले में हमेशा ढेरों ज्वैलरी पहने नजर आते थे. इस तरह अपनी एक अलग इमेज बना ली.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हैं नाम
एक साल में 33 फिल्मों में काम करने पर बप्पी लहिरी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था. इतना ही नहीं बप्पी लहिरी पहले ऐसे संगीतकार बने जिनके मशहूर गाने ‘जिमी जिमी आ जा आ जा’पर चाइना अवॉर्ड मिला था.
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टैग: Bappi Lahiri, जयंती, एंटरटेनमेंट थ्रोबैक
प्रथम प्रकाशित : 27 नवंबर, 2022, दोपहर 2:13 बजे IST
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