Home Entertainment हूबहू अटल जैसे दिखे पंकज त्रिपाठी और इंदिरा गांधी जैसीं कंगना रनौत, कैसे हुआ ये कमाल

हूबहू अटल जैसे दिखे पंकज त्रिपाठी और इंदिरा गांधी जैसीं कंगना रनौत, कैसे हुआ ये कमाल

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हूबहू अटल जैसे दिखे पंकज त्रिपाठी और इंदिरा गांधी जैसीं कंगना रनौत, कैसे हुआ ये कमाल

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नई दिल्ली. बीते दिनों पंकज त्रिपाठी की अपकमिंग फिल्म ‘मैं अटल हूं’ का पहला पोस्टर रिलीज किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऊपर बन रही इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी मुख्य किरदार निभा रहे हैं. पोस्टर में उनका चेहरा हूबहू अटल बिहार वाजपेयी की तरह दिख रहा था. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें देखकर एकबारगी उनके फैन्स भी चकरा गए कि ये पंकज हैं या अटल बिहारी वाजपेयी! आपको याद होगा कुछ महीने पहले कंगना रनौत की फिल्म ‘इमर्जेंसी’ के पोस्टर में भी कुछ ऐसा ही इफेक्ट देखने को मिला था. ‘इमर्जेंसी’ के पोस्टर में कंगना हूबहू इंदिरा गांधी जैसी दिख रही थीं.

पंकज त्रिपाठी और कंगना रनौत के चेहरे में ऐसा अनोखा बदलाव प्रोस्थेटिक मेकअप की वजह से आता है. इसी मेकअप का कमाल था कि कंगना तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के ऊपर बनी फिल्म में भी बिल्कुल ‘अम्मा’ की तरह नजर आई थीं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बात करें या साउथ के फिल्मों की, पिछले कुछ वर्षों में प्रोस्थेटिक मेकअप का चलन फिल्मों में बढ़ गया है. अमिताभ बच्चन की ‘पा’ हो या कमल हासन की ‘चाची 420’, ‘धूम’ में दिखने वाले ऋतिक रोशन हों या ‘छपाक’ में दीपिका पादुकोण, रजनीकांत की फिल्म ‘रोबोट 2.0’ में अक्षय कुमार जिस पक्षी राजन के किरदार में दिखे, वह भी इसी मेकअप का कमाल था. ये फिल्में किरदारों के स्पेशल मेकअप की वजह से चर्चा में रहीं. पंकज त्रिपाठी भी इसी मेकअप की वजह से हूबहू अटल बिहारी वाजपेयी की तरह दिख रहे हैं.

क्या होता है प्रोस्थेटिक मेकअप
प्रोस्थेटिक मेकअप दरअसल मॉडलिंग या स्क्लपचर यानी मूर्तिकला तकनीक को मेकअप में ढालने की प्रक्रिया है. एलियन पर बनने वाली फिल्में हों या किसी ऐतिहासिक चरित्र को जीवंत करना हो, प्रोस्थेटिक मेकअप इसमें मददगार है. उदाहरण के तौर पर कंगना रनौत की ‘इमर्जेंसी’ फिल्म के पोस्टर को ही लें, जिसमें कंगना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रूप में नजर आ रही हैं. इसके लिए प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट पहले सिलिकॉन, जिलेटिन या रबड़ की सहायता से इंदिरा गांधी की आकृति बनाता है. फिर उसे कंगना के चेहरे पर लगा दिया जाता है. इस स्पेशल मेकअप का सबसे खास पहलू है कलाकार का चेहरा. फिल्म निर्माता अगर किसी ऐतिहासिक चरित्र के ऊपर फिल्म बना रहे होते हैं, तो उस चरित्र से मिलते-जुलते चेहरे का चयन जरूरी है, ताकि मेकअप के जरिये वास्तविकता को पर्दे पर उतारा जा सके.

विदेशों से आ रहे मेकअप आर्टिस्ट
प्रोस्थेटिक मेकअप काल्पनिक चरित्रों को पर्दे पर उतारने में सबसे ज्यादा मददगार होता है. नजीर के तौर पर हॉलीवुड की फिल्मों में एलियन के किरदारों को देखें, तो ऐसी आकृतियों की बनावट पूरी तरह काल्पनिक होती है, जिसे बड़ी कुशलता से इस मेकअप के जरिये बनाया जा सकता है. हॉलीवुड के साथ-साथ भारत में भी इस स्पेशल मेकअप का इस्तेमाल बढ़ने लगा है. प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट का हमारी फिल्मों में चलन बढ़ने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कंगना रनौत ने ‘इमर्जेंसी’ फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड विजेता आर्टिस्ट डेविड मेलिन्वोस्की की सेवाएं ली हैं. इससे पहले कमल हासन ने अपनी फिल्म ‘चाची 420’ में या अमिताभ बच्चन की ‘पा’ में भी विदेशी मेकअप आर्टिस्ट का जलवा हम देख चुके हैं.

बिना प्रोस्थेटिक मेकअप के किरदार
प्रोस्थेटिक मेकअप का इतिहास देखें तो हॉलीवुड की फिल्मों में इसका चलन 4-5 दशक पहले से शुरू हो गया था. हालांकि आज जिस तादाद में इसका चलन बढ़ा है, वह पिछले एक-दो दशकों में ही देखने को मिला है. अपने देश की बात करें स्पेशल मेकअप के जमाने से पहले दूरदर्शन पर प्रसारित ‘भारत एक खोज’ में जवाहरलाल नेहरू की भूमिका निभाने वाले रोशन सेठ का चेहरा आपको याद होगा. रोशन सेठ ने रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’ में भी नेहरू का किरदार निभाया था. वे बिना किसी खास मेकअप के ही फिल्मों और टीवी पर नेहरू का किरदार निभाते रहे.

टैग: मनोरंजन विशेष, कंगना रनौत, Pankaj Tripathi

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