Home Entertainment लता मंगेशकर की आवाज इस वजह से थी इतनी मधुर, अन्य सिंगर्स को आज भी देती हैं ये काम की सलाह

लता मंगेशकर की आवाज इस वजह से थी इतनी मधुर, अन्य सिंगर्स को आज भी देती हैं ये काम की सलाह

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लता मंगेशकर की आवाज इस वजह से थी इतनी मधुर, अन्य सिंगर्स को आज भी देती हैं ये काम की सलाह

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भारत की स्वर-कोकिला के नाम से पॉपुलर लता मंगेशकर अस्पताल (Lata Mangeshkar Health Update) में वेंटिलेटर सपोर्ट में हैं. उनकी हालत नाजुक बनी हुई हैं. फैंस उनकी सलामती की दुआ मांग रहे हैं और उनके जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं. ‘भारत रत्न’ लता मंगेशकर (Bharat Ratna Lata Mangeshkar) की आवाज भगवान की देन है. इसलिए उन्हें गाने में कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती हैं. इतना ही नहीं उनका मानना है कि एक सिंगर को मनपसंद भोजन खाना चाहिए.

लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में मुस्कुराते हुए कहा था, “मैं भी दूसरे गायकों की तरह हर दिन रियाज करती हूं, लेकिन जब बात मनपसंद खाने की आती है, तो वो खुद पर कंट्रोल नहीं कर पती हैं’. लता मंगेशकर ने अपने इंटरव्यू में खुलासा करते हुए कहा था कि 75 फीसदी मूल प्रतिभा (Natural Talent) होती है, बाकी आपकी कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण है.

सिंगर को खाना चाहिए मनपसंद खाना

लता मंगेशकर कहती हैं किलोग मानते हैं, ‘एक गायक को खाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. वे सलाह देते हैं कि मिर्च न खाएं, अचार का सेवन न करें या फिर दही भी मत खाएं’, मगर मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देती. महान गायिका आगे बताती हैं कि मेरे पिता हमेशा कहते थे, ‘अगर आपको गायक बनना है, तो अपने आसपास प्रतिबंध में लगाओ, एक गायक को खुलकर गाना चाहिए, यदि आप नियमित रूप से रियाज करेंगे, तो आवाज हमेशा अच्छी रहेगी.”

लता ने नूर जहां के सामने गाया गाना

किताब ‘हर ओन वॉयस’ में लता मंगेशकर ने अपनी गायकी के शुरूआती दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें उस वक्त की पॉपुलर सिंगर और एक्ट्रेस नूर जहां (Noor Jehan) के सामने गाना गाने के लिए कहा गया था. लता दी कहती हैं, एक दिन वो फिल्म ‘बड़ी मां’ (Badi Maa) के सेट पर थी. मास्टर विनाय ने उनसे मिलवाते हुए कहा ‘ये नूरजहां जी हैं’, इनका एक गाना गाओ. इसलिए मैंने राग जयजयवंती गाया.”

‘खुद को गुरु समझो’

लता जी ने आगे कहा, “इसके बाद उन्होंने मुझे एक फिल्म गाना गाने के लिए कहा, तो मैंने आर.सी बोरल की फिल्म ‘वापस’ के गाने ‘जीवन है बेकार तुम्हारे बिना’ गाया. जब मैं गा रही थी, तो मुझे बाबा की बातें याद आ गईं, उन्होंने कहा था, ‘यदि तुम अपने गुरु के सामने गाती हो, तो खुद को गुरु समझो.’ बाबा की इसी बात को ख्याल करते हुए मैंने गाना गाया, उन्हें मेरी आवाज पसंद आई. “

Tags: Lata Mangeshkar

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