Home Entertainment मालिक की बेटी पर आया दिल, फिर परवान चढ़ा प्यार, पूरी फिल्मी है ‘बाबू भैया’ की लव स्टोरी

मालिक की बेटी पर आया दिल, फिर परवान चढ़ा प्यार, पूरी फिल्मी है ‘बाबू भैया’ की लव स्टोरी

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मालिक की बेटी पर आया दिल, फिर परवान चढ़ा प्यार, पूरी फिल्मी है ‘बाबू भैया’ की लव स्टोरी

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मुंबई। बाबू भैया, नाम तो सुना ही होगा. सोशल मीडिया से लेकर फिल्मों तक और सिनेमा से लेकर राजनीति तक परेश रावल का नाम छाया रहता है. बीते कुछ दिनों से बंगाली लोगों पर कमेंट को लेकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने वाले परेश रावल सिनेमा इतिहास के दिग्गज अभिनेता हैं.

थियेटर्स में अपने अभिनय को धार देने वाले परेश रावल ने अपनी एक्टिंग स्किल्स का ऐसा लोहा मनवाया कि तीन पीढ़ियां उनकी फैन हो गईं. साल 1950 में मुंबई में जन्मे परेश रावल एक गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं. परेश रावल अपनी जिंदगी में एक विनर का नजरिया रखते हैं. इसका उदाहरण उनकी प्रेमकहानी से साफ झलकता है. परेश रावल ने साल 1987 में मिस इंडिया रह चुकी स्वरूप संपत से शादी की थी.

साल 1975 में शुरू हुई थी प्रेम कहानी

लेकिन आत्मविश्वास से भरे जवान परेश रावल की प्रेम कहानी शुरू हो गई थी साल 1975 में. करीब एक साल पहले VOOT चैनल पर आने वाले ‘द अनुपम खेर शो’ में दिए इंटरव्यू में परेश बताते हैं, ‘साल 1975 में शंभू मित्रा का ड्रामा फेस्टिवल आईएनटी (इंडियन नेशनल थियेटर) में हो रहा था. चूंकि हम आईएनटी में काम करते थे तो हमें इसके पास मिले हुए थे. मैं और मेरा दोस्त महेंद्र जोशी इस फेस्टिवल में शामिल होने पहुंचे. यहां मैंने देखा कि एक बेहद खूबसूरत लड़की सामने खड़ी है. जिसने साड़ी पहनी हुई है और अब्बल दर्जे की फैशनेबल लग रही है. लड़की को देखकर मैंने अपने दोस्त की तरफ गर्दन घुमाई और कहा कि जोशी ये लड़की मेरी पत्नी बनेगी. इस बात पर जोशी ने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुझे पता है कि वो कौन है. हम जहां काम करते हैं ये हमारे मालिक की बेटी है. स्वरूप संपत, बच्चू संपत की बेटी थी जो आईएनटी के प्रोड्यूसर हुआ करते थे. इस पर मैंने कहा कि ये किसी की भी बेटी हो और किसी की भी बहन हो, ये मेरी पत्नी बनेगी.’

जीत लिया मिस इंडिया का दिल

इसके बाद परेश रावल ने एक दिन स्वरूप संपत से अपने प्यार का इजहार कर दिया. साल 1975 में परेश और स्वरूप संपत की प्रेम कहानी शुरू हुई. करीब 2 सालों बाद स्वरूप के जीवन का एक बड़ा अचीवमेंट उनका इंतजार कर रहा था. साल 1979 में स्वरूप संपत ने मिस इंडिया का खिताब अपने नाम किया. इसके बाद दोनों ने अपना-अपना करियर का सफर जारी रथा. कुछ ही सालों के प्रेम के बाद दोनों ने साल 1987 में शादी कर ली. आज दोनों के दो बच्चे आदित्य रावल, अनिरुद्ध रावल हैं.

कड़ी मेहनत और टेलेंट से हासिल किया मुकाम
परेश रावल के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने अभिनय के जरिए हर तरह के किरदारों में जान फूंकी है. फिर चाहे हेरा फेरी के बाबू भैया हों या फिर टेबल 21 का गेम मास्टर या फिर ओह माई गॉड का कांजी लालजी मेहता हो, सभी किरदारों में परेश की धारदार एक्टिंग दर्शकों के दिल में समा जाती है. कई सालों तक थियेटर्स में काम करने वाले परेश ने साल 1984 में होली फिल्म से सिनेमा के सफर की शुरुआत की.

इस फिल्म के जरिए ही परेश ने डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की नजरें चुरा लीं और उनके काम की गाड़ी चल निकली. 80 और 90 के दशक में परेश रावल ने कई विलेन्स के किरदारों से खूब वाहवाही बटोरी लेकिन जनता के दिलों में उनका नाम गूंजा 2000 के आने के बाद. साल था 2000 का प्रियदर्शन की फिल्म रिलीज हुई ‘हेरा फेरी’.

फिल्म के बनते समय ये किसी को नहीं पता था कि ये बॉलीवुड की एक यादगार फिल्म बन जाएगी. इस फिल्म में परेश रावल ने बाबू भैया का किरदार किया और कॉमेडी के आईकॉन बन गए हैं. इस फिल्म की तीसरा पार्ट आज भी चर्चा में बना रहता है. हाल ही में गुजरात में एक चुनावी सभा के दौरान दिए अपने एक बयान को लेकर चर्चा में बने हुए हैं.

टैग: बॉलीवुड नेवस, परेश रावल

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