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हिंदी सिनेमा और म्यूजिक जगत के लिए 6 फरवरी वो दिन जिसको शायद ही वो कभी भूल पाएगा. भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Passes Away) हो गया है. 28 दिनों तक अस्पताल में लगातार जंग लड़ने के बाद आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली है. 92 साल की उम्र में लता दी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, इस खबर ने न सिर्फ मनोरंजन जगत के लोगों की बल्कि देश के करोड़ों फैंस की आंखों को नम कर दिया. लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं. 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था.
भारतीय सिनेमा के महान पार्श्व गायकों में से एक के रूप में, लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Career) ने साल 1942 में 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं. अपने सात दशक से अधिक के करियर में उन्होंने ‘जरा आंख में भरलो पानी’, ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’, ‘अजीब दास्तान है ये’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘तेरे लिए’ जैसे कई यादगार ट्रैक्स को अपनी आवाज दी है. मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार सहित कई सिंगर्स के साथ उन्होंने कई सदाबाहर गाने दिए.
लता दी अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उसके गानों के जरिए उनकी मीठी आवाज हमेशा हमारे दिलों में राज करेंगी. यहां सुनिए लता दी के कुछ सदाबाहर गानें-
प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक खय्याम साहब ने फिल्म ‘रजिया सुल्तान’ का गाना ‘ए-दिल-ए-नादान’ के लिए लता दी को चुना और अपनी आवाज देकर उन्होंने भावपूर्ण संस्करण ने गीत को 1980 के दशक के सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक बना दिया.
https://www.youtube.com/watch?v=M5jfD1S1-LM
टोडी (Todi) और खमाज रागों में लता दी को महारथ हासिल था. इन गानों को सुनने के लिए वह संगीत प्रेमियों को बार बार विवश कर देती थी. फिल्म अमर प्रेम का गाना ‘रैना बीती जाए’ उनमें से एक है.
‘आज फिर जीने की तमन्ना’ वो गाना, जिसको आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं. इस गाने के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.
‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का सुपरहिट गाना ‘तुझे देखा तो ये जाना’ वो गाना शाहरुख और काजोल की जोड़ी को सुपरहिट बना दिया. लता और कुमार शानू ने इस गाने गाने को अपनी आवाज दी. इस गाने को लोग आज भी ‘लव एंथम’ मानते हैं.
मोहब्बतें फिल्म का सुपरहिट गाना ‘हमको हमी से चुरा लो’ का भला कैसे भूल सकते हैं. ये लता दी के सदाबाहर गानों में से एक है.
‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ वो गीत जो देशप्रेम को दर्शता है, सैनिकों को बलिदान को याद कराता है. इस मार्मिक गीत को सुनकर आज भी लोगों का आंखे नम हो जाती हैं. 1963 में गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में लता के प्रदर्शन ने भीड़ की आंखों को नम कर दिया था.
‘कभी खुशी कभी गम’ के टाइटल ट्रैक को स्वर कोकिला ने अपनी आवाज दी. इस चर्चित धुन को सुनने के बाद संगीत प्रेमी आज भी लता दी के आवाजा के जादू को भूल नहीं पाते.
लता मंगेशकर ने हजारों गाने गाए हैं. लेकिन उनका गाया पहला गाना कभी रिलीज नहीं हुआ. इस गाने का नाम था Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari. गाने को सदाशिवराव नेवरेकर ने मराठी फिल्म किट्टी हसल के लिए 1942 में कम्पोज किया था. गाना डब तो हुआ लता की आवाज में लेकिन फिल्म के फाइनल कट में उसे हटा दिया गया. इसलिए वो गाना कभी रिलीज नहीं हो सका.
लता के हिंदी गानों के सफर की, जिसकी शुरुआत हुई 1946 में आई फिल्म ‘आपकी सेवा में’ से हुई. इसमें लता ने गाना गाया जिसकी शुरुआत थी, “Paa Lagoon Kar Jori.
लता मंगेशकर भले ही इस दुनिया से रुखसत हो गई हैं. लेकिन वो और उनके खूबसूरत गाने हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे, क्योंकि लता मंगेशकर ने अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में एक ऐसी खास जगह बनाई है जो कभी मिट नहीं सकती.
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