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बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और कन्नड़ स्टार किच्चा सुदीप (Ajay Devgn Kichcha Sudeepa Debate) के बीच हुई राष्ट्रभाषा को लेकर बहस और सुलह ने एक नई विवाद को जन्म दिया. दोनों के बीच ‘हिंदी’ बतौर राष्ट्रभाषा को लेकर बहस हुई थी. आम आदमी से लेकर, नेता और अभिनेता भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे है कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है या नहीं. अब इस पर एक्ट्रेस कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘धाकड़’ के ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर इसके बारे में बात करते हुए ‘संस्कृत’ राष्ट्रभाषा में शामिल करने की बात कही है.
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) कहा भारत एक विविधता से भरा राष्ट्र है. उन्होंने कहा,“हमारा सिस्टम और सोसायटी बहुत सारी विविधताओं, भाषाओं और संस्कृतियों का देश हैं. और अपनी-अपनी संस्कृति और भाषा पर गर्व महसूस करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. मैं एक पहाड़ी हूं. हालांकि, जब हम अपने राष्ट्र पर विचार करते हैं, तो इसे एक इकाई बनाने के लिए, हमें हम सभी को एक साथ जोड़ने के लिए एक धागे की आवश्यकता होती है. जब संविधान बनाया गया था, हिंदी एक राष्ट्रभाषा बन गई थी. ”
संस्कृत होनी चाहिए राष्ट्रीय भाषा
कंगना रनौत (Kangana Ranaut Reaction) आगे कहती हैं, “और अब जब आप कहते हैं कि तमिल हिंदी से पुरानी है, तो यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ‘संस्कृत’ उससे भी पुरानी है. मेरी राय में, संस्कृत हमारी राष्ट्रभाषा होनी चाहिए, क्योंकि कन्नड़, तमिल, गुजराती, हिंदी, इन सभी भाषाओं की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है. मेरे पास इसका जवाब नहीं है अगर आप मुझसे पूछें कि अगर ऐसा है तो संस्कृत को हिंदी के बजाय हमारी राष्ट्रीय भाषा क्यों नहीं बनाया गया. वे निर्णय एक निश्चित समय के दौरान किए गए होंगे.”
अंग्रेजी बनी कम्युनिकेशन लिंक
कंगना रनौत (Kangana Ranaut on Language Debate) ने आगे कहा, “इस मुद्दे की कई परतें हैं. और जब आप भाषा की बात कर रहे हों, तो आपको इन सभी परतों के बारे में पता होना चाहिए. जब आप हिंदी को नकारते हैं, तो आप दिल्ली के संविधान और सरकार को नकार रहे हैं. जब आप विदेश जाते हैं, तो जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच – उन्हें अपनी भाषा पर बहुत गर्व होता है. लेकिन औपनिवेशिक इतिहास कितना भी काला क्यों न हो, सौभाग्य से, या दुर्भाग्य से, अंग्रेजी वह कड़ी बन गई है. दुनिया के सभी हिस्सी के लोगों को जोड़ती है.”
कंगना ने किया अजय-किच्चा का सपोर्ट
कंगना रनौत ने जोर देकर कहा, “आज हमारे देश में भी हम कम्युनिकेशन के लिए एक कड़ी के रूप में अंग्रेजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या वह लिंक होना चाहिए? या हिंदी, संस्कृत, या तमिल वह कड़ी होनी चाहिए? यह हमें तय करना है. हमें वह फैसला करना है. अभी तक हिन्दी राष्ट्रभाषा है. और जब अजय देवगन जी ने कहा, हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, तो वह गलत नहीं हैं. लेकिन मैं सुदीप की भावना को समझती हूं और वह गलत भी नहीं हैं.”
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पहले प्रकाशित : 29 अप्रैल, 2022, 23:07 IST
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