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WHO Reports: बच्‍चों के स्‍कूलों में सेक्‍स एजुकेशन अनिवार्य करने की जरूरत

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WHO Reports: बच्‍चों के स्‍कूलों में सेक्‍स एजुकेशन अनिवार्य करने की जरूरत

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| टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: Feb 8, 2022, 5:02 PM

असुरक्षित गर्भपात मौजूदा समय में आम बात होती जा रही है। किशोर और किशोरियो में ऐसा देखा गया है कि इसकी वजह से उन्‍हें गंभीर समस्‍याओ का सामना करना पड़ता है। डब्‍लूएचओ के आंकड़ों की माने तो 45% से अधिक गर्भपात असुरक्षित हैं, जिनमें से 97% विकासशील देशों में होते हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण असुरक्षित गर्भपात है। जिस वजह से स्‍कूलों में सेक्‍स एजुकेशन को बच्‍चों के स्‍कूलों में अनिवार्य बनाने की जरूरत है।

 

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पटना : डब्‍लूएचओ के आंकड़ों की माने तो स्‍कूलों में सेक्‍स एजुकेशन को अनिवार्य किया जाना चाहिए। बदलते दौर में देखा जाए तो किशोरों और अविवाहितों के बीच असुरक्षित यौन संबंध और गर्भपात सामान्‍य होते जा रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो राज्य की राजधानी में युवा महिलाएं की एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता बन गई हैं। जो अविवाहित लड़कियां जो बिना चिकित्‍सीय परामर्श के गर्भपात का विकल्प चुन लेती हैं उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से इन्‍हें गंभीर रूप से बीमार समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने वालों में यौन संचारित रोग भी अब सामान्‍य हो चले हैं।
क्‍या कहते हैं आंकड़े
पिछले साल 25 नवंबर को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के की माने तो 45% से अधिक गर्भपात असुरक्षित हैं, जिनमें से 97% विकासशील देशों में होते हैं। जिनका सबसे बड़ा कारण असुरक्षित गर्भपात है जो मातृ मृत्यु और बीमारी की वजह बनता है। पटना मेनोपॉज सोसायटी, डॉ उषा डिडवानिया ने बताया कि असुरक्षित गर्भपात के अधिकांश मामलों में हॉस्टल में रहने वाली लड़कियां शामिल हैं। दुकानों पर आसानी से मिलने वाली गर्भपात की गोलियां इसकी जटिलताओं में योगदान करने वाले कारणों में से एक है। उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने देखा है कि 661 लड़कियों के मामले आते हैं इनमें से दो महीने के गंभीर रक्तस्राव के बाद बहुत खराब स्थिति में आते हैं। उषा कहती हैं मैं ऐसे मामलों को उनके माता-पिता की सहमति के बिना नहीं नहीं लेती। उनका कहना है दो महीने के गंभीर रक्तस्राव के बाद लड़कियों की स्थिति बहुत हो जाती है। डॉ उषा का कहना है कि स्कूलों में यौन शिक्षा एक अनिवार्य विषय होना चाहिए। इसकी आज के समय में जरूरत है। लड़कियों और लड़कों दोनों को असुरक्षित यौन संबंध और गर्भपात और उसके खतरों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।इन 10 टिप्‍स की मदद से बढ़ाएं अपने बच्चों की याददाश्त, पढ़ाई में बनेंगे अव्वल
जटिलताओं का सामना करना पड़ता है
शहर की प्रसूति रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका कुमारी ने बताया कि अविवाहित या किशोर पति। असुरक्षित गर्भपात परीक्षण और जटिलताओं के बाद उसके क्लिनिक में आती हैं। आमतौर पर, वे एमटीपी किट खुद ले लेते हैं। जिसकी वहज से जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। एक अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीलम ने भी बताया, पीड़ितों में से अधिकांश बच्‍चे हॉस्‍टल आदि के रहने वाले होते हैं। जो जटिलताओं का अनुभव करने के बाद ही हमारे पास आते हैं। उन्‍होंने कहा कि ये सामान्‍य है कि असुरक्षित गर्भपात के बाद लगातार रक्तस्राव होता है। ऐसी कंडीशन में चीजों को संभालना कई बार मुश्किल हो जाता है। लेकिन के बात साफ है कि बच्‍चों को सेक्‍स शिक्षा वर्तमान समय की जरूरत है। इसे अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। इसके पीछे वहज ये है कि ज्‍यादातर बच्‍चे बाहर रह कर पढ़ते हैं। ऐसे कई बार नादानी में वो गलत कदम उठा लेते जिसका खमियाजा उन्‍हें झेलना पड़ता है।

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Web Title : who reports: make sex education compulsory in children’s schools
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