Home Bihar WhatsApp ग्रुप गजवा-ए-हिंद के जरिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था पटना का मरगूब, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

WhatsApp ग्रुप गजवा-ए-हिंद के जरिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था पटना का मरगूब, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

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WhatsApp ग्रुप गजवा-ए-हिंद के जरिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था पटना का मरगूब, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

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पटना. बिहार के पटना के फुलवारी शरीफ से पकड़ा गया गजवा-ए-हिंद का मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर अहमद आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल (चप्पल सेल) तैयार कर रहा था. इसके लिए वह गजवा-ए-हिंद नाम से व्हाट्सएप ग्रुप (व्हाट्सएप ग्रुप) भी चला रहा था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के अनुसंधान में यह खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इस मामले में पटना के विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है.

एनआईए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में गजवा-ए-हिंद के एडमिन मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर अहमद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है. गौरतलब है कि एनआईए द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में आइपीसी की धारा 1 121 ए, 153 ए 153 भी, 120 भी और यूएपी की धारा 13, 18 और 20 के तहत दाखिल किया गया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने अनुसंधान में मरगूब दानिश के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के साथ ही धर्म औऱ जाति के नाम पर समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ कर अराजकता और वैमनस्यता फैलाने के आरोप को सच पाया है. इस मामले में फुलवारीशरीफ थाना में 15 जुलाई को कांड संख्या 840/22 दर्ज किया गया था. एनआईए ने इस मामले में 22 जुलाई को स्पेशल कांड संख्या 08/22 दर्ज किया.

आपके शहर से (पटना)

एनआईए की टीम ने जुलाई में मरगूब दानिश को गिरफ्तार किया था. जांच में इस बात के अहम सबूत मिले हैं कि मरगूब अहमद दानिश व्हाट्सएप  ग्रुप गजवा-ए-हिंद का एडमिन था. इस व्हाट्सएप ग्रुप को पाकिस्तान के रहने वाले जेन ने बनाया था. इसमें पाकिस्तान और यमन समेत कई देशों के युवा जुड़े थे. व्हाट्सएप के अलावा टेलीग्राम, बिप मैसेंजर समेत कई इंटरनेट मीडिया पर भी कट्टरपंथी ग्रुप बनाकर युवाओं को बरगला रहा था. इसके साथ ही उसने बांग्लादेश के लिए विशेष तौर पर बीडी गजवा-ए-हिंद बीडी नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था.

फंडिंग भी मिली थी
फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के कनेक्शन कतर के अल्फाल्ही संगठन से होने की भी जानकारी मिली है. पुलिस की छानबीन में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि अल्फाल्ही संगठन से उसे क्रिप्टो करेंसी के रूप में फंडिंग मिली थी.

टैग: वैश्विक आतंकवाद, भारतीय पाकिस्तान, आईएसआईएस आतंकवादी, व्हाट्सएप समूह

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