
[ad_1]
आशीष कुमार/ पश्चिम चम्पारण.कहते हैं कि आप देश के किसी भी कोने में चले जाएं, वहां कोई न कोई बिहार का आदमी आपको जरूर मिल जाएगा. वह IAS हो सकता है, बिजनेसमैन हो सकता है या फिर भले ही मजदूर ही क्यों न हो. ऐसा ही कुछ हाल विदेशों का भी है. IMF के शीर्ष अधिकारी से लेकर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के नेता तक आपको बिहार से जुड़े लोग मिल जाएंगे. बिहार के लोगोंने बीते पांच वर्षों की तुलना में वर्ष 2022 में रिकॉर्ड संख्या में विदेशों का रूख किया है.
बिहारी कर रहे खाड़ी देशों का रूख
विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2022 में 60 हजार से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए विदेशों का रूख किया. समझने वाली बात यह है कि यूपी तथा बंगाल की तुलना में बिहार से विदेश जाने वालों की संख्या अभी भी बेहद कम है. एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार के लोग सर्वाधिक पैमाने पर खड़ी देशों का रूख कर रहे हैं. हालांकि रोजगार के लिए विदेश जाने वाले बिहारियों में जिन 18 देशों की चाहत सर्वाधिक होती है, उनमें यूएई, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान, बहरीन, मलेशिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, साउथ सूडान, सीरिया, थाईलैंड, यमन और सूडान प्रमुख हैं.
गोपालगंज तथा सिवान से सर्वाधिक लोग
बता दें कि पहले की तरह अभी भी सिवान, सारण तथा गोपालगंज से सर्वाधिक युवा विदेशों का रूख कर रहे हैं. अगर बात की जाए राजधानी पटना की तो, वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार पटना से 6993 लोग ही विदेश गए. सबसे अधिक गोपालगंज से 8751 लोग विदेश गए. सिवान से 8310, सारण से 2272, पूर्वी चंपारण से 3657, पश्चिम चम्पारण से 4262, मधुबनी से 4389, दरभंगा से 2424, मुजफ्फरपुर से 1917, किशनगंज से 2232, सीतामढ़ी से 2112, पूर्णिया से 2846, सुपौल से 1318 तथा अररिया से 1586 लोग विदेश गए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
पहले प्रकाशित : 25 अप्रैल, 2023, शाम 5:59 बजे IST
[ad_2]
Source link