Home Bihar Viral Video: बिहार में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी, यहां एक ही ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाई जा रही हिंदी और उर्दू, देखें तस्वीरें और वीडियो

Viral Video: बिहार में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी, यहां एक ही ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाई जा रही हिंदी और उर्दू, देखें तस्वीरें और वीडियो

0
Viral Video: बिहार में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी, यहां एक ही ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाई जा रही हिंदी और उर्दू, देखें तस्वीरें और वीडियो

[ad_1]

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: शिव शरण शुक्ला
अपडेट किया गया सोम, 16 मई 2022 05:23 PM IST

सार

कटिहार के इस स्कूल में प्राइमरी के सभी बच्चों को एक ही कक्षा में बैठाया जाता है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां तीन अध्यापक हैं, इसमें एक समय में दो अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं और तीसरा बच्चों पर नजर रखता है।

बिहार के सरकारी स्कूल में एक साथ पढ़ाई जा रही हिंदी और उर्दू।

बिहार के सरकारी स्कूल में एक साथ पढ़ाई जा रही हिंदी और उर्दू।
– फोटो : ANI

ख़बर सुनें

विस्तार

बिहार में सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा को लेकर नीतीश सरकार चाहे लाख दावे भले ही क्यों ना कर लेकिन असली हकीकत कुछ और ही है। यहां, कटिहार के एक सरकारी स्कूल का एक वीडियो सामने आया है जो सरकारी स्कूलों की हकीकत बयां करता है। ये वीडियो कटिहार के मनिहारी प्रखंड के प्राइमरी स्कूल का है। इसमें देखा जा सकता है कि इस सरकारी स्कूल में एक ही ब्लैकबोर्ड पर हिंदी और उर्दू पढ़ाई जा रही है।

इस बारे में आदर्श मिडिल स्कूल की सहायक शिक्षक कुमारी प्रियंका ने बताया कि उर्दू प्राइमरी स्कूल को 2017 में शिक्षा विभाग द्वारा हमारे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था। हमारे स्कूल में पहले से ही कम कमरे थे और जब उर्दू प्राइमरी स्कूल को शिफ्ट किया गया तो प्राइमरी स्कूल के संचालन के लिए केवल एक कमरा उपलब्ध कराया गया।

आदर्श मिडिल स्कूल की सहायक शिक्षक कुमारी प्रियंका ने बताया कि हमारे स्कूल में पर्याप्त क्लासरूम नहीं हैं और यही कारण है कि हम एक ही कमरे में छात्रों को पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि एक ही ब्लैकबोर्ड के एक आधे हिस्से पर हिंदी पढ़ाई जाती है और दूसरी तरफ दूसरे शिक्षक द्वारा उर्दू पढ़ाई जाती है।

जानकारी के मुताबिक, इस स्कूल में प्राइमरी के सभी बच्चों को एक ही कक्षा में बैठाया जाता है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां तीन अध्यापक हैं, इसमें एक समय में दो अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं और तीसरा बच्चों पर नजर रखता है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि इसे लेकर कई बार शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here