Home Bihar Vat Savitri Vrat 2022: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने किया वट सावित्री व्रत, पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश

Vat Savitri Vrat 2022: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने किया वट सावित्री व्रत, पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश

0
Vat Savitri Vrat 2022: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने किया वट सावित्री व्रत, पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश

[ad_1]

गोपालगंज. आज सोमवती अमावस्या के शुभ संयोग में वट सावित्री व्रत की पूजा हो रही है. पति कि लम्बी आयु के लिये सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार में सज-धज कर वट सावित्री व्रत में जुटी हैं. सोमवती अमावस्या के दिन पड़नेवाले इस व्रत को लेकर गोपालगंज में सुबह से ही महिलाएं मंदिरों में पूजा कर रहीं हैं और वट वृक्ष में कच्चा सूत बांधकर अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ रहने की प्रार्थना कर रहीं हैं.

पीपल और वट वृक्ष जहां पर दोनों एक साथ है, वहां व्रतियों की ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. वहीं वट वृक्ष के नीचे सावित्री व सत्यवान की कथा व्रतियों द्वारा सुनी गयी. सोलह शृंगार किए महिलाएं पूजन करने के बाद यथा शक्ति दान की. देखा जाए तो इस पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है. वृक्ष होंगे तो पर्यावरण बचा रहेगा और तभी जीवन संभव है.

जानें वट वृक्ष की धार्मिक मान्यताएं :

वट वृक्ष की धार्मिक मान्यताएं भी हैं. इस पेड़ में बहुत सारी शाखाएं नीचे की तरफ लटकी हुई होती हैं जिन्हें देवी सावित्री का रूप माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु एवं डालियों में त्रिनेत्रधारी शिव का निवास होता है. इसलिए इस वृक्ष की पूजा से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं. अपनी विशेषताओं और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना गया है. वट वृक्ष की छांव में ही देवी सावित्री ने अपने पति को पुनः जीवित किया था. इसी मान्यता के आधार पर स्त्रियां अचल सुहाग की प्राप्ति के लिए इस दिन वरगद के वृक्षों की पूजा करती हैं.

नदियों में स्नान को उमड़ी भीड़

सोमवती अमवस्या को लेकर स्नान दान का बड़ा महत्व है. लिहाजा सुबह से ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट, दाहा नदी के लछवार धाम और खनुआ नदी के मारड़ घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है. लोग स्नान कर दान कर रहे हैं. वहीं प्रशासन की ओर से घाटों के पास पुलिस बल और गोताखोरों की तैनाती की गयी है.

वट सावित्री पर्व की मान्यता

पंडित राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि वट सावित्री पर्व की मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है. यह व्रत स्त्रियों के लिए सौभाग्यवर्धक, पापहारक, दुःखप्रणाशक और धन-धान्य प्रदान करने वाला होता है. अग्नि पुराण के अनुसार बरगद उत्सर्जन को दर्शाता है इसलिए संतान प्राप्ति के लिए इच्छुक महिलाएं भी इस व्रत को करती हैं.

टैग: बिहार के समाचार हिंदी में, Gopalganj news, वट सावित्री व्रत

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here