
[ad_1]
सार
टॉप 20 में बिहार के तीन अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है, जबकि 50 से अधिक छात्रों ने पूरे राज्य में बाजी मारी है। यानी कि कहा जा सकता है कि बिहार के छात्र-छात्राओं ने एक बार फिर से अपना जलवा बरकरार रखा है।
ख़बर सुनें
विस्तार
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2021 के अंतिम परिणाम परिणाम की घोषणा कर दी गई है। इस बार एक बार फिर से बिहारी छात्रों ने परचम लहराया है। टॉप 20 में बिहार के तीन अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है, जबकि 50 से अधिक छात्रों ने पूरे राज्य में बाजी मारी है। यानी कि कहा जा सकता है कि बिहार के छात्र-छात्राओं ने एक बार फिर से अपना जलवा बरकरार रखा है। बता दें कि सोमवार को जारी परिणाम में मधेपुरा के बिहारीगंज के अंकिता अग्रवाल को दूसरा स्थान मिला है। इसके अलावा मोतिहारी के नारायणपुर के रहने वाले शुभंकर प्रत्युष पाठक को 11वां स्थान मिला है, जबकि मुंगेर की रहने वाली अंशु प्रिया को 16वां स्थान मिला है। वहीं पटना के बिस्कोमान कॉलोनी के रहने वाले आशीष(वैशाली के मूल निवासी) ने अपने पहले ही प्रयास में 23वीं रैंक प्राप्त की है।
जानें कौन हैं सेकेंड टॉपर अंकिता अग्रवाल
सिविल सेवा परीक्षा 2021 में दूसरा स्थान हासिल करने वाली बिहार के मधेपुरा की मूल निवासी अंकिता अग्रवाल 2020 बैच की आईआरएस अधिकारी हैं। अंकिता अपने पहले ही प्रयास में आईआरएस (Indian Revenue Service) में चुनी गई थीं। अब तीसरे प्रयास में न केवल आईएएस चुनीं गईं बल्कि सिविल सेवा परीक्षा की दूसरी टॉपर बनकर इतिहास भी रच दिया है। अंकिता ने अकादमी से ही फोन पर बात करते हुए कहा कि मैं दूसरी रैंक पाकर बहुत खुश हूं। मैंने आईएएस को चुना है और सेवा में शामिल होने के बाद महिला सशक्तीकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य और स्कूली शिक्षा क्षेत्रों के लिए काम करना चाहती हूं।
अंकिता की प्रारंभिक शिक्षा और परिवार
अंकिता की प्रारंभिक शिक्षा मधेपुरा के बिहारीगंज स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल में हुई। इसके बाद अंकिता के दादा मालीराम अग्रवाल और पिता मनोहर अग्रवाल कोलकाता शिफ्ट कर गए, जहां से अंकिता ने अपनी पढ़ाई पूरी की। वहीं परिणाम की घोषणा पर अग्रवाल ने कहा कि यह मेरे लिए और पूरे के लिए बहुत गर्व की बात है। देश में महिलाओं ने परीक्षा में शीर्ष तीन स्थान प्राप्त किए हैं।
शुभंकर प्रत्युष पाठक
शुभंकर बिहार के मोतिहारी के पताही प्रखंड अंतगर्त नारायणपुर गांव के मूल निवासी हैं। उनके पिता राजेश पाठक केंद्र सरकार के बड़े पद पर कार्यरत हैं। खुद शुभंकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद बंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे। छह महीने बाद उन्होंने इस्तीफा देकर तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि मेरा मेंस व इंटरव्यू बेहतर गया था। इस कारण डबल डिजिट में रैंक आने की उम्मीद थी, लेकिन 11वीं रैंक की उम्मीद नहीं थी। जूनियर छात्रों से कहना है कि यह धारणा है कि यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा काफी कठिन है। ऐसी बात नहीं है। अपने अंदर जुनून पैदा करें। निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। आठ-दस घंटे पढ़ाई करते हुए मैंने नॉर्मल जिंदगी के साथ तैयारी की। अगर मैं कर सकता हूं तो आप भी कर सकते हैं।
मुंगेर जिला की छात्रा अंशु प्रिया को 16वां स्थान
वहीं बिहार के मुंगेर जिला की छात्रा अंशु प्रिया ने यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 16वां स्थान हासिल किया है। अंशु प्रिया मुंगेर नेट्रोडेम एकेडमी की छात्रा रही हैं। आगे की पढ़ाई को लेकर वह कोटा चली गई थीं। जहां से रहकर मेडिकल की तैयारी की। उसमें भी अंशु प्रिया ने परचम लहराया। साथ ही चिकित्सक के पद पर दो वर्ष तक पीएमसीएच में सेवा दे चुकी हैं।
अंशु प्रिया को तीसरे प्रयास में मिली सफलता
दो बार सिविल सेवा परीक्षा में असफल रहने के बाद भी अंशु प्रिया ने हिम्मत नहीं खोईं। और तीसरे प्रयास में उन्होंने 16वां स्थान लाकर मुंगेर सहित बिहार को गौरवान्वित किया।
अंशु प्रिया का परिवार
अंशु प्रिया के पिता शैलेंद्र कुमार मुंगेर के संदलपुर कन्या मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। मां गृहिणी हैं। अंशु प्रिया की मामा नरेश सिंह यादव जिला राजद के वरीय नेता हैं। सभी ने अंशु प्रिया की सफलता पर बधाई दी है।
[ad_2]
Source link