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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- मुख्यमंत्री जी…याचना नहीं अब रण होगा
– फोटो : अमर उजाला
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राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विधान परिषद से त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार पर न सिर्फ जमकर निशाना साधा बल्कि एक खुली चुनौती भी दे डाली। उन्होंने कहा कि त्वदियं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये। आज मैंने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मन अब हल्का है। चक्रव्यूह से बाहर आ जाने की सुखद अनुभूति हो रही है। याचना का परित्याग कर रण के रास्ते पर निकल पड़ा हूँ। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हम यह कहना चाहते हैं कि मेरे बारे में बहुत तरीके की बातें की जा रही थी, कि बड़ी कृपा कर दी गई इनको विधान परिषद की सदस्यता देकर। उपेंद्र कुशवाहा किसी के कृपा के तले व्यक्तिगत सुख सुविधा के लिए नहीं रह सकता है।
नहीं चाहिए एहसान
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब कुर्सी लोगों की सेवा के लिए न रह जाय तो वैसी कुर्सी का परित्याग कर देना चाहिए। मेरे लिए यह कुर्सी अब सेवा के लिए नहीं रह गई थी। उल्टे मेरे ऊपर कहा जा रहा था कि उपेन्द्र कुशवाहा पर बहुत बड़ा एहसान किया गया है, इसलिए वैसा एहसान कुशवाहा लेकर नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि उपेन्द्र कुशवाहा कभी जमीर बेच कर अमीर नहीं बन सकता है। अपनी जमीर हम नहीं बेचते आराम से कुर्सी पर बने रहते, लोगों की चिंता नहीं करते तो हमको कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन लोगों की चिंता करनी है, इसलिए हम सदन छोड़ कर सड़क पर जा रहे हैं। यह निर्णय मैंने लिया है और उसी निर्णय की औपचारिकता को पूरा करने के लिए आज हम विधान परिषद आए और सभापति जी को मैंने त्यागपत्र सौंप दिया।
पहले ही की गई थी घोषणा
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमने जिस दिन अपने पार्टी की घोषणा की थी, उसी दिन हमने कहा था कि विधान परिषद की भी सदस्यता का हम परित्याग कर देंगे। निर्णय मेरा उसी दिन का था कुछ औपचारिकता बाकी थी, क्योंकि उस दिन सभापति यहां मौजूद नहीं थे हमने उनसे संपर्क किया। आज का वक्त निर्धारित हुआ और उसके अनुसार मैंने उनको जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
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