Home Bihar Upendra Kushwaha को मनाने के लिए क्या कर रहे Nitish Kumar ? जानिए मनाने के लिए किस ‘दूत’ को भेजा

Upendra Kushwaha को मनाने के लिए क्या कर रहे Nitish Kumar ? जानिए मनाने के लिए किस ‘दूत’ को भेजा

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Upendra Kushwaha को मनाने के लिए क्या कर रहे Nitish Kumar ? जानिए मनाने के लिए किस ‘दूत’ को भेजा

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के द्वारा रिपोर्ट किया गया केशव सुमन सिंह | द्वारा संपादित सुधेंद्र प्रताप सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम | अपडेट किया गया: 8 फरवरी 2023, शाम 5:49 बजे

जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के विद्रोह को शांत करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए आज एक दूत भेजा गया। इस ‘दूत’ ने कहा कि वह जेडीयू की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा को समझाने आए हैं ताकि बिहार के विकास की गति बाधित न हो। लेकिन बंद कमरे में उपेंद्र कुशवाहा से क्या बात हुई, फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है।

उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा से मिलने जेडीयू एमएलसी पहुंचे और मुलाकात की

हाइलाइट्स

  • जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के विद्रोह को शांत करने की कोशिश शुरू
  • कुशवाहा को मनाने के लिए जेडीयू ने भेजा ‘दूत’, दोनों के बीच बंद कमरे में हुई बात
  • बंद कमरे में उपेंद्र कुशवाहा से क्या बात हुई, फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है
पटना: उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू के अंदर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन अब इस घमासान को रोकने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए जेडीयू की तरफ से एमएलसी रामेश्वर महतो को दूत बनाकर भेजा गया। ‘इस दूत’ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह उपेंद्र कुशवाहा को मानने आए हैं, जो कुछ चल रहा है, वह बंद होना चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कैमरा बंद कर पूछा जाए कि पार्टी को तोड़ने का काम कौन कर रहा है तो हर कोई चार पांच लोगों का नाम गिना देगा। रामेश्वर महतो के इस बयान के बाद अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर वह 4-5 लोग कौन हैं, जो पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे हैं?

विकास की गति बचाने को जेडीयू ने भेजा दूत?

रामेश्वर महतो ने कहा कि वह बिहार के विकास की गति को बचाने आए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है जो गति बिहार के विकास को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी है, वह गति बनी रहे। यह सभी कोई चाहते हैं। इसलिए वो उपेंद्र कुशवाहा से बात करने आए हैं। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि बंद कमरे के भीतर रामेश्वर महतो से कुशवाहा ने क्या बात की?

मुलाकात के बाद मान जाएंगे कुशवाहा?

एमएलसी रामेश्वर महतो से मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में अब यह भी सवाल है कि क्या कुशवाहा अपनी विमर्श बैठक खत्म कर देंगे या मानने की कोशिश के पीछे भी कोई राजनीति है या ‘वार्ड पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत पाने की क्षमता रखने वाले’ उपेंद्र कुशवाहा बिहार के विकास की रफ्तार रोकने के जिम्मेदार होंगे? ये तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन इतना तो तय है कि उपेंद्र कुशवाहा की और जेडीयू के बीच का घमासान आगे की राजनीति गोटी सेट करने का प्लेटफार्म जरूर है।

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