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जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के विद्रोह को शांत करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए आज एक दूत भेजा गया। इस ‘दूत’ ने कहा कि वह जेडीयू की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा को समझाने आए हैं ताकि बिहार के विकास की गति बाधित न हो। लेकिन बंद कमरे में उपेंद्र कुशवाहा से क्या बात हुई, फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है।

हाइलाइट्स
- जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के विद्रोह को शांत करने की कोशिश शुरू
- कुशवाहा को मनाने के लिए जेडीयू ने भेजा ‘दूत’, दोनों के बीच बंद कमरे में हुई बात
- बंद कमरे में उपेंद्र कुशवाहा से क्या बात हुई, फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है
विकास की गति बचाने को जेडीयू ने भेजा दूत?
रामेश्वर महतो ने कहा कि वह बिहार के विकास की गति को बचाने आए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है जो गति बिहार के विकास को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी है, वह गति बनी रहे। यह सभी कोई चाहते हैं। इसलिए वो उपेंद्र कुशवाहा से बात करने आए हैं। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि बंद कमरे के भीतर रामेश्वर महतो से कुशवाहा ने क्या बात की?
मुलाकात के बाद मान जाएंगे कुशवाहा?
एमएलसी रामेश्वर महतो से मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में अब यह भी सवाल है कि क्या कुशवाहा अपनी विमर्श बैठक खत्म कर देंगे या मानने की कोशिश के पीछे भी कोई राजनीति है या ‘वार्ड पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत पाने की क्षमता रखने वाले’ उपेंद्र कुशवाहा बिहार के विकास की रफ्तार रोकने के जिम्मेदार होंगे? ये तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन इतना तो तय है कि उपेंद्र कुशवाहा की और जेडीयू के बीच का घमासान आगे की राजनीति गोटी सेट करने का प्लेटफार्म जरूर है।
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