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मुन्ना राज
बगहा (पश्चिम चंपारण). बिहार के बगहा में ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ठगों ने दर्जन भर लोगों को बर्तन का लालच देकर उनसे हजारों रुपये ठग लिए. पीड़ितों का कहना है कि दोनों ने खुद को भाई-बहन बताया था. इसके बाद अपनी बातों में सबको फंसा कर पैसे लिए और फिर चलते बने. बताया जाता है कि ठगी करने वाले जालसाज उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे. मामला सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन में जुटी है. वहीं, ठगी का शिकार हुए ग्रामीण ठगों के तौर-तरीकों के बारे में जानकार हैरान हैं.
जानकारी के अनुसार, रूट पियो डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आए भाई-बहन ने रामनगर थाना के नवगांवा गांव में एक दर्जन पुरुष और महिलाओं को झांसा देकर 1.70 लाख रुपए ठग लिए. ठगों के गिरोह में और लोगों के शामिल होने की आशंका है. प्रभारी थाना अध्यक्ष इकबाली राय ने बताया कि इस संबंध में उन्हें आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच की जा रही है. नवगांवा गांव की रहने वाली रंभा देवी, नितेश कुमार, राहुल कुमार, दिनेश कुमार, कुमारी देवी, सोनी देवी आदि ने बताया कि उपेंद्र गुप्ता और जूही गुप्ता सबसे पहले गांव में आए थे. दोनों ने अपने आपको ममेरा-फुफेरा भाई-बहन बताया था. दोनों गांव में घूम-घूम कर नए बर्तन दिखाते थे. इसमें दो तरह के बर्तन का सेट था. एक सेट में 40 बर्तन थे, जिसका मेंबरशिप 9 हजार रुपया था. दूसरा सेट 83 पीस का था, जिसका मेंबरशिप 17,500 रखा गया था.
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ठगी का अनोखा तरीका
पीड़ितों का कहना है कि उपेंद्र गुप्ता और जूही गुप्ता यूपी के रहने वाले हैं. उन लोगों ने बर्तन दिखाए और उसे देने के एवज में पैसे लिए गए. इसके साथ ही लोगों को समझाया गया कि ज्यादा से ज्यादा मेंबरशिप बनाने पर संबंधित लोगों को मासिक वेतन भी दिया जाएगा. पैसा लेने के बाद लोगों को मेंबर बना दिया गया. मोबाइल पर सभी लोगों का इंफॉर्मेशन वेबसाइट पर दिखाया जाने लगा. लोगों के अंदर विश्वास दिलाने के लिए कौन कितना पैसा जमा किया है, वह भी ऑनलाइन दिखने लगा. इस तरह से लगभग एक दर्जन लोगों से 1.70 लाख रुपए ठग लिए गए.
पीड़ित पहुंचे थाने
सभी लोग कंपनी द्वारा भेजे गए तथाकथित कर्मियों से अपने सामान के लिए दबाव बनाने लगे, लेकिन जब भी कोई समान मांगता था तो उपेंद्र गुप्ता यह कहते हुए बात को टाल देता था कि लोगों की संख्या और बढ़ जाने दीजिए. इसके बाद सभी को एक साथ दिया जाएगा. जब 6 माह से ज्यादा समय बीत गया तो पीड़ितों ने रामनगर थाना में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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प्रथम प्रकाशित : 27 जून 2022, 08:38 AM IST
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