Home Bihar Ukraine Russia Crisis : मेट्रो टनल से बिहार के छात्र ने मांगी मदद, कहा रोमानिया और पोलैंड का बॉर्डर 1500 किलोमीटर दूर कैसे पहुंचे? मजाक है क्‍या!

Ukraine Russia Crisis : मेट्रो टनल से बिहार के छात्र ने मांगी मदद, कहा रोमानिया और पोलैंड का बॉर्डर 1500 किलोमीटर दूर कैसे पहुंचे? मजाक है क्‍या!

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Ukraine Russia Crisis : मेट्रो टनल से बिहार के छात्र ने मांगी मदद, कहा रोमानिया और पोलैंड का बॉर्डर 1500 किलोमीटर दूर कैसे पहुंचे? मजाक है क्‍या!

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बिहार के करीब 600 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। वहीं पूरे देश से 20000 छात्र यूक्रेन और रशिया के जंग में पिस रहे हैं। सभी एयरपोर्ट और एयरबेस रशिया ने तबाह कर दिए हैं। सड़क पर बसें और ट्रेन का परिचालन बाधित है। रशियन टैंक सड़कों पर हैं ऐसे में 1500 किलोमीटर पोलैंड और रोमानिया बॉर्डर तक कैसे पहुंचें छात्र? समस्‍या ये है कि अब उनके पास खाने पीने का सामान खत्‍म हो रहा है और भारतीय दूतावास भी दो दिनों से संपर्क नहीं कर रहा है।

कीव_ यूक्रेन के कीव में एक सड़क पर जलते सैन्य ट्रक का मलबा देखा गया।  आर....

कीव में रूस ने मचाई तबाही

पटना : भारतीय दूतावास से दो दिन पहले बात हुई थी… उसके बाद उनका फोन नहीं उठ रहा… अब हमारी एंबेसी ने हमसे बात करना भी बंद कर दिया है। सर हम क्‍या करें? हम यहां फंसे हैं हमारी मदद कीजिए… मदद की ये गुहार बिहार के छात्र की है। उसका कहना है कि अब उसके पास खाने पीने का सामान खत्‍म होने को है लेकिन अब तक भारत की ओर से कोई मदद नहीं मिल पाई है। शुभम कहते हैं, ‘हमारे पास कुछ बिस्‍कुट हैं, दो लीटर पानी और कुछ रुपए हैं। ड्राइफ्रूट्स खत्‍म हो चुके हैं, सुबह हमने किसी तरह चाय पी है, बाहर बाजार बंद हैं। मोबाइल की बैटरी किसी तरह चार्ज हो पा रही है। लोकल नेट काम कर रहा है इसलिए आप से बात हो पा रही है। हमारी मदद कीजिए कीजिए।’

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धमाके की आवाज रुक-रुक कर सुनाई देती है
‘यूक्रेन के हालात हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। हम लोग एक टनल में है। शुभम मिश्रा ने बताया कि करीब 2000 लोग उकने साथ एक टनल में शरण लिए हुए हैं। जिसमें यूक्रेन के नागरिक हैं। शुभम ने यूक्रेन की स्थिति को बयां कतरे हुए बताया सेना शहर पर कब्‍जा कर चुकी है। रूसी टैंक शहर की सड़कों पर हैं। टनल से निकलने का जोखिम नहीं उठा सकते क्‍योंकि बाहर रूसी फौज है। आसमान से गोले बरसाए जा रहे हैं। धमाकों की आवाज और दहलती धरती से अंदाजा लगता है कि जंगी जहाज यूक्रेन पर मिसाइल और गोले दाग रहे हैं।’

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सरकार हमें कैसे बाहर निकालेगी, कोई कुछ तो बताए?
यूक्रेन के खारकीव के रोमानिया और पोलैंड की दूरी एक हजार से 1500 किलोमीटर की दूरी है। शुभम कहते हैं ‘जब ट्रेन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हैं तो इतनी दूरी कैसे कवर की जा सकती है। शुभम का कहना है कि रूस के हमले में सभी एयर बेस और एयरपोर्ट तबाह कर दिए गए हैं, ऐसे में भारतीय विमान कैसे लैंड करेंगे? यदि ये लैंड नहीं करेंगे तो यहां से छात्रों को इवैकुएट कैसे करेंगे?’
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क्‍या मजाक कर रही है भारत सरकार ?
यूक्रेन में मौजूद ज्‍यादातर छात्रों यही कहना है कि दूतावास की तरफ से उन्‍हें रोमानिया और पोलैंड तक पहुंचने को कहा है। शुभम कहते हैं ‘क्‍या भारत सरकार यहां फंसे छात्रों के साथ मजाक कर रही है? दूतावार से तीन दिन पहले बात हुई उसके बाद उन्‍होंने फोन उठाना बंद कर दिया है। पोलैंड और रोमानिया की दूरी यहां से 1500 किलोमीटर है। ऐसे में जब सड़क पर टैंक और शहर पर रूसी सेना का कब्‍जा है तो करीब डेढ़ हजार किलोमीटर कैसे पहुंचा जा सकता है? ‘ छात्रों का कहना है कि इसमें भारतीय की सरकार को रूस का विरोध करना चाहिए।

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वेब शीर्षक: यूक्रेन रूस संकट: बिहार के छात्र ने मेट्रो टनल से मांगी मदद, कहा- 1500 किमी दूर रोमानिया और पोलैंड की सीमा कैसे पहुंची? क्या मजाक!
हिंदी समाचार नवभारत टाइम्स से, टीआईएल नेटवर्क

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