Home Bihar Supreme Court : बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या से सुप्रीम कोर्ट चिंतित, राज्य सरकार से पूछा- किस आधार पर लागू किया कानून

Supreme Court : बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या से सुप्रीम कोर्ट चिंतित, राज्य सरकार से पूछा- किस आधार पर लागू किया कानून

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Supreme Court : बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या से सुप्रीम कोर्ट चिंतित, राज्य सरकार से पूछा- किस आधार पर लागू किया कानून

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नई दिल्ली/पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी कानून (उच्चतम न्यायालय on Bihar Liquor Prohibition Law) को लेकर बिहार सरकार से सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने पूछा है कि राज्य सरकार ने किस आधार पर यह कानून लागू किया। कानून लागू करने के चलते अदालतों में केसों की संख्या में होने वाले इजाफे को लेकर सरकार ने क्या इंतजाम किए। यह जानकारी भी मांगी है कि शराबबंदी कानून के प्रभाव के आकलन को लेकर बिहार सरकार क्या कदम उठा रही है। शीर्ष अदालत ने 8 मार्च तक राज्य सरकार से अपना जवाब पेश करने को कहा है।

बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है। शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी कानून लागू होने के चलते अदालती मामलों की बढ़ती तादाद के चलते ये सवाल किए हैं। बढ़ते मामलों के चलते पटना हाई कोर्ट के 26 में से 16 जज शराबबंदी से जुड़े केस की सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के लगभग हर बेंच में शराबबंदी कानून से जुड़ी याचिकाएं हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि बिहार सरकार ने इन कानूनों को लागू करने से पहले कोई अध्ययन किया था या नहीं। यह समझना भी जरूरी है कि कानून लागू करते समय बुनियादी न्यायिक व्यवस्था का आकलन किया गया था या नहीं।

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जारी अपने आदेश में कहा कि इस कानून से जुड़े कई मामले न्यायालयों में आ रहे हैं। निचली अदालत और उच्च न्यायालय दोनों में जमानत याचिकाओं की बाढ़ आ गई है। हालत यह हो गई है कि हाई कोर्ट के 16 जजों को इसी से संबंधित मामलों की सुनवाई करनी पड़ रही है। कोर्ट ने बिहार सरकार को कहा है कि कानून लागू करने से पहले किए गए अध्ययन को वह उसके सामने पेश करे।

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