Home Bihar Success Story: बिहार के लाल ने जेल से बिना कोचिंग क्वालीफाई की IIT JAM परीक्षा, अब आईआईटी में पढ़ेगा

Success Story: बिहार के लाल ने जेल से बिना कोचिंग क्वालीफाई की IIT JAM परीक्षा, अब आईआईटी में पढ़ेगा

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Success Story: बिहार के लाल ने जेल से बिना कोचिंग क्वालीफाई की IIT JAM परीक्षा, अब आईआईटी में पढ़ेगा

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सार

Success Story Bihar Nawada Jail Prisoner Suraj Kumar: सूरज कुमार, जिसने नवादा जेल में सजा काटते हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली आईआईटी जेम क्वालीफाई कर दिखाई।

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आईआईटी जैम परिणाम 2022: जेल हो या जीवन का खेल, जीतता वही है, जिसके हौसले बुलंद होते है। ऐसे ही जज्बे को बुलंद करने वाली कहानी है बिहार के लाल सूरज कुमार की। सूरज कुमार, जिसने नवादा जेल में सजा काटते हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली आईआईटी जेम क्वालीफाई कर दिखाई। खास बात यह है कि सूरज ने यह सफलता जेल में रहते हुए सेल्फ स्टडी और बगैर किसी कोचिंग के पाई है, वह भी ऑल इंडिया में 54वीं रैंक के साथ। इस पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन यह सच है। आइए जानते हैं नवादा के कोहिनूर सूरज कुमार की सफलता की कहानी और क्यों है जेल में बंद है यह होनहार।

IIT JAM Result 2022: वैज्ञानिक बनना चाहते है सूरज कुमार

पिछले हफ्ते जारी हुए आईआईटी जेम परीक्षा का रिजल्ट देखने के बाद जेल में जब सूरज को अपने आईआईटी जेम क्वालीफाई करने की खुशखबरी मिली तो वह खुशी से झूम उठा, क्योंकि बहुत बड़ा सपना पूरा होने की दिशा में यह कदम शुरुआती सफलता मगर मील का पत्थर है। बता दें कि सूरज अब आईआईटी में दाखिला लेकर अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकेगा। सूरज का सपना है कि एक दिन वह वैज्ञानिक बनेगा। सूरज कुमार आईआईटीयन बनने के साथ ही बेहतर वैज्ञानिक बन कर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं।

क्या है जेम परीक्षा और कहां मिलेगा दाखिला?

जेम यानी ज्वॉइंट एडमिशन टेस्ट (JAM) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी आईआईएससी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एनआईटी में संचालित मास्टर ऑफ साइंस और अन्य पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा है। हर साल रोटेशन के आधार पर एक अलग आईआईटी इसका आयोजन करता है। हालांकि, रैंक के अनुसार, दाखिला सभी शीर्ष संस्थानों में मिलता है। इस साल यानी जेम 2022 का आयोजन आईआईटी रूड़की की ओर से किया गया था।

जेल अधीक्षक को दिया सफलता का श्रेय

जेम क्वालीफाई करने के बाद सूरज कुमार ने स्थानीय मीडिया से मुखातिब होते हुए अपनी सफलता का श्रेय नवादा के तत्कालीन मंडल जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पाण्डेय तथा अपने बड़े भाई वीरेंद्र यादव को दिया है। सूरज कुमार ने अपने लिखित संदेश में कहा कि अगर अभिषेक पांडे सर का सहयोग नहीं मिला होता तो हम किसी भी कीमत पर आईआईटीएन नहीं बन सकते थे। उन्होंने जेल के भीतर ही परीक्षा की तैयारी के लिए किताबें और नोट्स समेत अन्य स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करा दिया था। इसी के साथ सूरज कुमार ने न्यायालय पर अपना भरोसा जताते हुए जल्द न्याय मिलने की बात कही है।

आखिर जेल में क्यों है यह होनहार सूरज कुमार?

बिहार के नवादा जिले के मोसमा गांव के निवासी सूरज कुमार हत्या के आरोप में जेल में बंद है। जानकारी के अनुसार, गांव में नाली विवाद के दौरान हुई मारपीट में एक व्यक्ति की मौत के मामले में सूरज को नामजद आरोपी बना दिया गया। इसके बाद उसे 19 अप्रैल, 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल आने के बाद से उसकी पढ़ाई बाधित हो रही थी, परंतु इसी बीच एक दिन उसे तत्कालीन कारागृह अधीक्षक अभिषेक का जेल में दिया गया प्रेरक उद्बोधन सुनने को मिला। इससे प्रभावित होकर सूरज ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने उसकी पढ़ाई जारी रखने के लिए हरसंभव मदद उपलब्ध कराई।

विस्तार

आईआईटी जैम परिणाम 2022: जेल हो या जीवन का खेल, जीतता वही है, जिसके हौसले बुलंद होते है। ऐसे ही जज्बे को बुलंद करने वाली कहानी है बिहार के लाल सूरज कुमार की। सूरज कुमार, जिसने नवादा जेल में सजा काटते हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली आईआईटी जेम क्वालीफाई कर दिखाई। खास बात यह है कि सूरज ने यह सफलता जेल में रहते हुए सेल्फ स्टडी और बगैर किसी कोचिंग के पाई है, वह भी ऑल इंडिया में 54वीं रैंक के साथ। इस पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन यह सच है। आइए जानते हैं नवादा के कोहिनूर सूरज कुमार की सफलता की कहानी और क्यों है जेल में बंद है यह होनहार।

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