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संगीनों के साये में सफलता
सौरभ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और माता-पिता को दिया है। सौरभ ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर, इंटरनेट का पढ़ाई के लिए उपयोग किया। अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करना जरूरी है। सौरभ के माता पिता बेटे को मिठाई खिलाकर शुभकामना दे रहे हैं। सौरभ के पिता ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति वैसी नहीं थी कि बच्चे को पढ़ा पाएं। मगर मुझे भगवान पर पूर्ण विश्वास था और आज मेरा बेटा जेईई मेंस क्वालीफाई किया। सौरभ के इस सफलता पर देव प्रखंड के पूर्व प्रमुख मनीष पाठक ने भी बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सौरभ ने गांव का ही नहीं बल्कि जिले का नाम भी रोशन किया है।
सौरभ को सफलता
सौरभ शुरू से ही मेहनती था उसने शुरू से अच्छा प्रदर्शन किया है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की उक्त पंक्तियों को सौरभ ने बल दिया है। मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर भी पानी बन जाता है। सौरभ ने ये साबित कर दिया कि मेहनत के आगे कुछ भी असंभव नहीं है। जो मन से पढ़ाई करते हैं वह अभाव में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मनीष पाठक ने कहा कि सौरभ आगे बहुत अच्छा करेगा। जिससे इलाके का नाम आगे भी रोशन होता रहेगा।
रिपोर्ट- आकाश, औरंगाबाद
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