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कोलकाता में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी में मिजोरम के खिलाफ सकीबुल को कामयाबी मिली। 22 साल के सकीबुल चार भाइयों मे सबसे छोटा हैं। सकीबुल की मां अजमा खातून बताती है कि खेल से सकीबुल का बचपन से लगाव था। परिवार के सभी सदस्य उसके रुचि में सार्थक सहयोग करते थे। पढ़ाई के साथ-साथ खेलने के लिए परिवार का कोई सदस्य उसे रोका नहीं। यहां तक का उसका बड़ा भाई फैसल अपने साथ खेलाता और खेल के गुर क सिखाता रहा। वहीं, खुशी का इजहार करते हुए सकीबुल के पिता मोहम्मद मनान गनी बताते है कि विश्व स्तर पर नाम को रोशन करे और मोतिहारी का सितारा बने। यही उनकी ख्वाहिश है।
परिवार के सभी सदस्य सकीबुल की सफलता से खुश हैं। आगे सफलता की ओर बढ़े यही कामना कर रहे हैं। सकीबुल के कोच रहे बड़े भाई फैसल गनी का कहना है कि सकीबुल शुरू से ही प्रतिभावान खिलाड़ी रहा है। कभी-कभी गलती करता है, मगर समझाने-बताने पर तुरंत सुधार भी कर लेता है।

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