Home Bihar Siwan News: सीवान के इकलौते संस्कृत कॉलेज का हाल बेहाल, पढाई के लिए आते हैं महज पांच छात्र-छात्राएं

Siwan News: सीवान के इकलौते संस्कृत कॉलेज का हाल बेहाल, पढाई के लिए आते हैं महज पांच छात्र-छात्राएं

0
Siwan News: सीवान के इकलौते संस्कृत कॉलेज का हाल बेहाल, पढाई के लिए आते हैं महज पांच छात्र-छात्राएं

[ad_1]


रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह

सीवान: बिहार के सीवान में मौजूद इकलौता बैजनाथ पांडेय आर्य संस्कृत महाविद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. संस्कृत विद्यालय की स्थिति ऐसी हो गई है कि वह बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. लचर व्यवस्था के बीच यह संस्कृत महाविद्यालय चल रहा है. इस महाविद्यालय पर न तो यूनिवर्सिटी का ध्यान है और न ही सरकार का. जिले के एक मात्र संस्कृत महाविद्यालय में न शिक्षक है और न ही पढ़ाई के लिए कमरे. इसके चलते यहां पढ़ाई ठप है. इस महाविद्यालय में बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया है.

1961 में हुई थी बैजनाथ पांडेय आर्य संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना

सीवान में स्थित इकलौता बैजनाथ पांडेय आर्य संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी. 20 वर्ष के पश्चात संस्कृत महाविद्यालय की स्वीकृति कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से मिली. स्थापना काल के समय से इस महाविद्यालय में छात्रों की काफी भीड़ रहती थी. एक समय ऐसा भी रहा जब छात्र पढ़ने के लिए नामांकन की तिथि निकलने का इंतजार करते थे. लेकिन, अब शिक्षकों के नहीं रहने से नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन घटते चली गयी. स्थापना काल के पश्चात से ही पढ़ाने के लिए समुचित कमरा नहीं था. छात्रों की संख्या वर्षवार धीरे धीरे कम होती जा रही है और आज स्थिति ऐसी आ गई है कि महाविद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गया है.

110 छात्र-छात्रों में से मात्र पांच ही आते हैं महाविद्यालय

बैजनाथ पांडेय आर्य संस्कृत महाविद्यालय सीवान के शिक्षक दिग्विजय कुमार पांडेय ने बताया कि वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय में 110 छात्र एवं छात्राओं का नामांकन हुआ है. जिसमें मात्र 5 ही छात्र-छात्राएं महाविद्यालय में पढ़ाई करने आते हैं.अन्य बच्चे शिक्षक के अभाव की वजह से नहीं आते हैं. जो 5 बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं वह व्याकरण की पढ़ाई करने आते हैं क्योंकि इस महाविद्यालय में इकलौते व्याकरण के ही शिक्षक हैं.

स्वीकृत पदों के विरूद्व नहीं हैं शिक्षक

शिक्षक ने बताया कि महाविद्यालय में सरकार द्वारा स्वीकृत 10 पदों के विरूद्व मात्र एक ही शिक्षक है. उन्होंने बताया कि काफी कोशिश के बाद दो गेस्ट टीचर की बहाली सरकार के द्वारा की है.जिसमें एक इतिहास के हैं और एक हिन्दी विषय के हैं. यह शिक्षक भी सप्ताह में 1 से 2 बार आते हैं. वहीं शिक्षकों को पूरे एक माह में 25 घंटा ही समय देना होता है. आगे बताते हैं शिक्षकेत्तरर्मियों के बचे सभी पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे विद्यालयों में पठन-पाठन काफी प्रभावित हो रहा है.लिपिक की माने तो शौचालय तक का फंड नहीं आता है. खुद के पैसे से ही शौचालय का भी मेंटेनेंस कराना पड़ता है.

टैग: बिहार के समाचार, सीवान न्यूज

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here