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रिपोर्ट- अंकित कुमार सिंह
सीवान. बिहार के सीवान जिले के महराजगंज प्रखंड अंतर्गत पटेढ़ी बाजार स्थित योगी बाबा की लगभग 500 वर्षों से पूजा होती है. योगी बाबा के स्थान पर ही एक हजार वर्ष पुराना विशाल वटवृक्ष है. जिसकी शाखाएं दूर तक फैली हुई हैं. वहीं विशालकाय वृक्ष के ऊपर नीम और पीपल का भी वृक्ष है. पेड़ की टहनिया कई घरों व दुकानों में प्रवेश कर जकड़ी हुई है. जिसकी टहनी तो दूर स्थानीय लोग पेड़ के पत्ते तक भी नहीं तोड़ते हैं. लोगों की अवधारणा है कि वृक्ष का पत्ता या डाल काटने वाले के साथ 24 घंटे के अंदर अनहोनी हो जाती है. जिसके भय से लोग पेड़ का पत्ता तक नहीं तोड़ते हैं.
वट वृक्ष की शाखाएं आस-पास के कई घरों के अंदर तक प्रवेश कर जाने की वजह से लोग डर से घर को छोड़ दूसरे स्थानों पर प्रवास कर गए हैं. वहीं स्थानीय लोग मांगलिक कार्यक्रम करने से पहले योगी बाबा का पूजा करने के पश्चात शुभ कार्य करते हैं. ऐसा नहीं करने पर योगी बाबा गुस्सा होकर क्षति पहुंचाते हैं.
पेड़ की वजह से दर्जनों परिवार कर गए प्रवास
स्थानीय लोग बताते हैं कि योगी बाबा के स्थान पर स्थित विशाल वटवृक्ष के नीचे रहने वाले दर्जनों परिवार घर छोड़ दूसरे स्थानों पर प्रवास कर गए हैं. क्योंकि विशाल वटवृक्ष की हजारों शाखाएं उनके घरों तक को भी प्रवेश कर जकड़ रखा है. डर से घर वाले ना तो उसके शाखाओं को काट पाए और ना ही उसके पत्ते को तोड़ पाए. जिस वजह से उन्हें घर खाली कर दूसरे स्थानों पर निवास करना पड़ा.
हजारों वर्षो से होती है पूजा, हर मन्नत होती है पूर्ण
स्थानीय रामाशंकर शाही ने कहा कि हजारों वर्ष से यहां वट वृक्ष है. जिसे हमारे पूर्वज इसी हाल में देखते हुए आए और यह वृक्ष पहले के जैसा ही आज भी है. यह जगता दरबार है और जो भी श्रद्धा भाव से मन्नत यहां मांगते है वह पूर्ण होता है. वट वृक्ष का कोई एक पत्ता तक भी नहीं तोड़ता है क्योंकि इसके पत्ता या डाल काटने से 24 घंटे के अंदर निश्चित ही उक्त व्यक्ति के साथ अनहोनी होता है. इसी डर की वजह से कोई भी व्यक्ति इस विशालकाय वृक्ष का न तो पत्ता तोड़ता है और न ही उसको काटता है.
मांगलिक कार्यक्रम से पहले करना होता है बाबा की पूजा
स्थानीय धर्मदेव बताते हैं कि आस-पास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मांगलिक या शुभ कार्यक्रम करने से पहले योगी बाबा की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके पश्चात ही शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है. ऐसा नहीं करने पर योगी बाबा गुस्सा हो जाते हैं. जिसका खामियाजा भक्तों को भुगतना पड़ता है. यही वजह है कि यहां पूजा अर्चना करने के पश्चात ही शुभ कार्यों को किया जाता है. उन्होंने कहा कि यहां हजारों वर्ष से पूजा-अर्चना होती है.
वटवृक्ष आज भी बना हुआ है रहस्य
लोगों की माने तो योगी बाबा के स्थान पर हजारों वर्ष पुराना वटवृक्ष रहस्यमयी है. जिसके रहस्य का पता अभी तक नहीं लगाया जा सका. बताया जाता है कि 900 वर्ष पूर्व इस वट वृक्ष के पत्ते व शाखाएं तोड़ने की भूल एक व्यक्ति ने की थी. जिसकी अकाल मृत्यु हो गई थी. तभी से यह प्रथा चली आ रही है. हालांकि किस वजह से लोगों के साथ घटनाएं होती है और क्या रहस्य वटवृक्ष में छिपा हुआ है सो आज भी रहस्य हीं बना हुआ है. इस रहस्यमयी पेड़ की कहानी महाराजगंज प्रखंड में हर शख्स को मालूम है.
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प्रथम प्रकाशित : 19 दिसंबर, 2022, दोपहर 2:55 बजे IST
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