
[ad_1]
Bihar News : एक ओर जहां मजदूरों को रोजगार नही मिल रहा है, तो दूसरी ओर सरकार के सृजित काम में मजदूरों की हकमारी की जा रही है। इसके चलते मजदूरों को खुद के साथ ही परिवार चलाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आश्चर्य की बात यह कि सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी खामोश रहते हैं। मामला सीतामढ़ी का है।

धरहरवा सहजौली पंचायत का ताजा मामला
मनरेगा के तहत तालाब की खुदाई में जेसीबी/ट्रैक्टर के उपयोग का ताजा मामला जिले के परिहार प्रखंड में धरहरवा सहजौली पंचायत का है। दरअसल, उक्त पंचायत जब्दी गांव में सरकारी तालाब की खुदाई की जा रही है। काम मनरेगा योजना से कराया जा रहा है। नियमत: खुदाई का काम ग्रामीण मजदूरों से लेना है, लेकिन अधिकारी और ठेकेदार के गठजोड़ के कारण मजदूरों को इस योजना से अलग रखा गया है। पूरा काम जेसीबी और ट्रैक्टर से लिया जा रहा है।
मजदूरों को नही मिल रहा काम
बताया गया है कि जब्दी गांव ही नही, बल्कि प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजनाओं की अधिकांश योजनाओं में जेसीबी-ट्रैक्टर का ही उपयोग किया जाता है। जब्दी में तालाब की खुदाई में जेसीबी के उपयोग को लेकर गांव के सुरेश प्रसाद सिंह, संतोष कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। सहित दर्जनों ने संयुक्त आवेदन सीओ समेत अन्य पदाधिकारियों को दिया गया है। आवेदन में बताया है कि तालाब के लिए मिट्टी का कटाई कर मेड़ नही बांध कर मिट्टी को बेचा जा रहा है। शिकायत पर स्थानीय सीओ ने तालाब का निरीक्षण किया था और नाराजगी व्यक्त की थी। फिर भी ठेकेदार खुदाई में जेसीबी का ही उपयोग करवा रहा था। इस संबंध में मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने पर तालाब का काम बंद करा दिया गया है। जांच की जा रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
आसपास के शहरों की खबरें
नवभारत टाइम्स न्यूज ऐप: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
[ad_2]
Source link