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IG Pankaj Darad: आईजी पंकज दराद बुधवार को सीतामढ़ी में थे। यहां पर एसएसबी अधिकारियों से बात की। इंडो-नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद वे सोनबरसा प्रखंड के इंदरवा उच्च माध्यमिक स्कूल पहुंचे। स्कूल में छात्र-छात्राओं से बात किए और शिक्षा का महत्व बताया।
बॉर्डर पर पहली बार देखा ऐसा स्कूल
एसएसबी के स्थानीय अधिकारियों के साथ उक्त स्कूल के भ्रमण के दौरान वहां की व्यवस्था एवं साफ सफाई देख आईजी दराद गदगद हो गये। वे यह कहने से अपने को रोक नहीं सके कि इंडो-नेपाल बॉर्डर इलाके में हर तरह से सुव्यवस्थित ऐसा सरकारी स्कूल पहली बार देखा है। उन्होंने प्रधान शिक्षक भिखारी महतो की खूब तारीफ की। बच्चों को अनुशासित एवं संस्कारित देख आईजी ने प्रधान शिक्षक से खुलकर कहा, स्कूल हर लिहाज से परिपूर्ण है। यह बहुत बड़ी बात है।
शिक्षा से मनुष्य बनता है सुसंस्कृत
आईजी दराद ने स्कूल के हर कमरों का जायजा लिया। खास बात यह कि आइजी ने गौर किया कि बच्चे जूता-चप्पल बाहर खोलकर ही कमरे में प्रवेश कर रहे थे। यह देख दराद भी जूता खोल कर ही कमरे में प्रवेश किये। साथ ही बच्चों के उक्त संस्कार एवं परंपरा की जमकर तारीफ की। उन्होंने बच्चों को संबोधित भी किया। कहा कि शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा से ही व्यक्ति सुसंस्कृत बन सकता है। शिक्षा प्राप्त व्यक्ति को ही समाज में आदर मिलता है। शिक्षा के जरिए ही भविष्य को उज्जवल बनाया जा सकता है।
आईजी ने प्रधान शिक्षक की तारीफ की
आईजी दराद ने कहा कि प्रधान शिक्षक भिखारी बाबू एक सच्चे ईमानदार, कर्मठ, आत्मज्ञानी, दयालु, शांतिप्रिय, क्षमावान, धैर्यशिल एवं साहसी शिक्षकों में से एक हैं। ऐसे व्यक्तित्व के शिक्षक लाखों में एक होते हैं। उन्होंने इस स्कूल में बार-बार आने की बात कही। आइजी ने छात्र-छात्राओं को उपहार में फल दिया।
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