Home Bihar Sharad Yadav Death: नीतीश से अनबन के बाद लालू का मिला था साथ, ऐसा था शरद यादव का करियर

Sharad Yadav Death: नीतीश से अनबन के बाद लालू का मिला था साथ, ऐसा था शरद यादव का करियर

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Sharad Yadav Death: नीतीश से अनबन के बाद लालू का मिला था साथ, ऐसा था शरद यादव का करियर

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हाइलाइट्स

शरद यादव का 75 साल की उम्र में निधन हो गया
वो समाजवादी विचारधारा के नेता थे
शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके थे.

पटना. JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. इस बात की जानकारी उनकी बेटी ने ट्वीट कर दी. शरद यादव की उम्र 75 साल थी. गुरुवार की रात 9 बजे फोर्टिस अस्पताल में शरद यादव का निधन हुआ. जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के निधन के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित कई राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.

दरअसल शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट से चार बार सांसद रहे थे. कुछ साल पहले शरद यादव और नीतीश कुमार के बीच अनबन हो गई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन बैठे थे. इस दौरान शरद यादव जेडीयू से बाहर हो गए और नई पार्टी बनाई थी, हालांकि उनकी नई पार्टी नहीं चली जिसके बाद वो अब वो लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD के साथ पिछले कुछ वर्षो से जुड़े हुए थे. शरद यादव के निधन के बाद बिहार के कई नेताओं ने शोक जताया है. उनकी गिनती बिहार सहित देश के बड़े समाजवादी नेताओं में होती थी. शरद यादव मूल रूप से मध्य प्रदेश के ही रहने वाले थे.

वो केंद्र की सरकार में कई मंत्रालयों को भी संभाल चुके थे. उनकी गिनती सरल और शांत भाव के राजनेता के तौर पर होती थी. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शरद यादव के निधन के बाद अपनी शोक संवेदना जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखाते है की मंडल मसीहा.. राजद के वरिष्ठ नेता.. महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई  दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है. शरद यादव के निधन पर बिहार के सभी दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी संवेदना वक्त की है.

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उनको श्रद्धांजलि देते हुए राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने लिखा है- सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता का योद्धा ने आज दुनिया को अल विदा कह दिया. शरद जी चौहत्तर में जनता उम्मीदवार के रूप में सांसद बने थे. लेकिन इंमरजेंसी के विरोध में उन्होंने संसद से इस्तीफ़ा दे दिया था. पुनः 77 में जबलपुर से जनता पार्टी के सांसद बने. 91 में वे मधेपुरा से लोकसभा के लिए चुने गये थे.

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