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रिपोर्ट- मो.सरफराज आलम
सहरसा. एक तरफ सूबे में जहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है, वहीं ठंड की परवाह किए बगैर किसान खेतों में पूरे दिन समय दे रहे हैं. अभी रबी फसल का सीजन है. खेतों में गेहूं और सरसों की फसल लहलहा रही है. ठंड की परवाह करते हुए अगर किसान घरों में बैठे रहेंगे तो फिर अन्नदाता के घर अन्न से नहीं भर पाएंगे. यही कारण है कि इस कड़ाके की ठंड में भी किसान सुबह होते ही खेतों में पहुंच जाते हैं और खेतों की निराई-गुड़ाई के साथ-साथ पटवन और खाद डालते दिख रहे हैं.
अन्न नहीं उपजेगा तो लोग रह जाएंगे भूखे
कड़ाके की ठंड में जिले के शाहपुर के किसान अपनी खेत में पटवन करते नजर आ रहे थे. उन्होंने न तो चप्पल पहन रखी थी और न ही ठीक ढंग से शरीर पर कपड़ा ही था. खेत में फसलों को लहलहाते देख किसान कड़ाके की ठंड को भी भूल जा रहे हैं. इस बुजुर्ग व्यक्ति को देख हर कोई कुछ देर वहां रुक जा रहा था. हां किसान का कहना था कि अगर काम नहीं करेंगे, तो उनके घर में राशन नहीं हो पाएगा और लोग भूखे रह सकते हैं. काम नहीं करेंगे तो पैसा कहां से आएगा.
फसल की देखभाल करना भी जरूरी
किसान सैफुल यादव ने बताया कि वे अनी खेत में पटवन का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में अक्सर फसल में पीलापन लग जाने से फसल की क्षति होने लगती है. उन्होंने बताया कि वे 3 एकड़ में गेहूं की बुआई किए हैं. अगले सुबह यह भी देखना होता है कि कहीं कोई मवेशी को तो खेत में नहीं छोड़ दिया है. सुरक्षा के साथ-साथ फसल की देखभाल करना भी आवश्यक है.
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पहले प्रकाशित : जनवरी 09, 2023, 20:30 IST
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