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रिपोर्ट- मो. सरफराज आलम
सहरसा. स्कूल चाहे सरकारी हो या प्राइवेट. सभी जगहों पर पढ़ाई शुरू होने से पहले छात्रों की प्रार्थना करायी जाती है. प्रार्थना में क्या बताया जाएगा, इसको लेकर भी चर्चा-परिचर्चा होती रहती है. ऐसे में सहरसा जिले का एक सरकारी स्कूल खूब चर्चा में है. दरअसल, सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के तेलहर पंचायत के पोखरभिडा गांव स्थित मध्य विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को संविधान का पाठ पढ़ाया जाता है. बच्चे इसे ऐसे पढ़ते हैं कि आप भी देखकर दंग रह जाएंगे. बिना सांस लिए छोटे-छोटे बच्चे संविधान का पाठ पढ़ लेते हैं.
200 बच्चे हर दिन पढ़ते हैं संविधान का पाठ
इस विद्यालय में 200 बच्चे नामांकित हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए कुल 11 शिक्षक कार्यरत हैं. इस विद्यालय में प्रार्थना के दौरान प्रतिदिन मौलिक अधिकार का पाठ पढ़ाया जाता है. बच्चों को संविधान के बारे में बताया जाता है. खास बात यह है कि saharsaहर दिन प्रार्थना सभा में हर एक बच्चे को यह मौका दिया जाता है. बच्चे जिस अंदाज में पढ़ना चाहते हैं, उन्हें उसी अंदाज में शिक्षक भी पढ़ाते हैं.
‘हर स्कूल में छात्रों को बताया जाए भारत का संविधान’
प्रधानाचार्य लाल बहादुर बताते हैं कि अगर सभी विद्यालयों में इस तरह का पाठ पढ़ाना शुरू हो जाए तो सभी बच्चों को स्कूल में ही उनके मौलिक अधिकारों के बारे में पता चल पाएगा. इस तरह का कार्यक्रम हर एक स्कूल में होना जरूरी है. वे बताते हैं कि महादलित टोले के बीच यह मध्य विद्यालय है. यहां के अधिकांश बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं. लगातार अभ्यास के कारण कम समय में ही यहां के बच्चे मौलिक अधिकार के बारे में जानकारी हासिल कर चुके हैं. इसलिए प्रतिदिन प्रार्थना सभा में मौलिक अधिकार पर चर्चा की जाती है.
एक शिक्षक ने शुरू की थी पहल
बताया गया किस्कूल के शिक्षक सुबोध कुमार ने इस अभियान को चलाने की पहल की थी.उन्हीं की पहल पर मौलिक अधिकार का पाठ पढ़ाने की शुरुआत हुई. शिक्षक सुबोध के द्वारा किए गए प्रयास के बाद इस स्कूल के बच्चे फराटेदार मौलिक अधिकार का पाठ पढ़ लेते हैं.
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पहले प्रकाशित : 23 मार्च, 2023, 10:55 पूर्वाह्न IST
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