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बिहार में मानसून आ चुका है, बारिश का दौर भी शुरू हो गया है। ऐसे में सर्पदंश की घटनाओं और सांप निकलने की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। इसी बीच खतरनाक रसेल वाइपर सांप को लेकर छपरा के लोग परेशान हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि छपरा में बीते 11 महीने के दौरान ऐसे सांप मिलने एक दर्जन मामले सामने आए हैं। जिसमें वन विभाग ने कई मामलों में सांप को बचाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया है।
वन अधिकारी का कहना है कि लोगों को ड्रेगन समझकर धोखा नहीं देना चाहिए
इस खतरनाक सांप के मिलने से वन विभाग के पदाधिकारी न सिर्फ परेशान हैं बल्कि लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। अजगर की तरह इस सांप के शरीर पर निशान होते हैं। पिछले दिनों पटना जिले के अंटा घाट पर ऐसा ही एक सांप बहता हुआ पाया गया था जिसे बच्चों ने अजगर समझकर उसके खेलना शुरू कर दिया था। बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने सांप को पटना चिड़ियाघर भेजा। गनीमत यह रही कि सांप ने किसी बच्चे को काटा नहीं। छपरा में सोनपुर, दरियापुर, परसा, तरैया, सदर समेत नदी के तटवर्ती इलाकों में यह सांप तेजी से मिल रहा है। जिसके कारण वन विभाग के अधिकारी परेशान हैं।
‘सांप को हाथ से न छुएं’
वन विभाग के अधिकारी अभय कुमार सिंह का कहना है कि लोग किसी भी हालत में अजगर जैसे दिखने वाले सांप को हाथ से न छुएं क्योंकि यह रसेल वाइपर हो सकता है। छपरा में यह सांप काफी तेजी से अपनी संख्या बढ़ा रहा है जो चिंता का विषय है। रसैल वाइपर को दुनिया के खतरनाक सांपों में गिना जाता है और यह भारत में भी पाया जाता है। यह भारत में पाए जाने वाले सांपो में काफी खतरनाक है। ये सांप इतना जहरीना होता है कि अगर किसी इंसान को काट ले तो कुछ देर में ही उस व्यक्ति के खून में क्लॉट बनने शुरू हो जाते हैं और मल्टीपल ऑर्गन फेल हो जाते हैं।
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