Home Bihar RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के 14 साल के बेटे ने क्यों दे दी जान? पढ़ें Inside Story

RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के 14 साल के बेटे ने क्यों दे दी जान? पढ़ें Inside Story

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RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के 14 साल के बेटे ने क्यों दे दी जान? पढ़ें Inside Story

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मोतिहारी. पिता की हत्या के साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी और न्याय नहीं मिलने से परेशान किशोर ने आग लगाकर तीन मंजिले मकान से कूदकर जान देदे दी. मृत किशोर रोहित अपने पिता आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या के साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए जद्दोजहद कर रहा था. पुलिस पर साजिशकर्ताओं से मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए उसने हरसिद्धि में अपने घर सामने स्थित तीन मंजिले एक निजी नर्सिंग होम की छत पर आग लगाकार कूद पड़ा. छत से कूदने के दौरान उसने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इलाज के दौरान मोतिहारी के निजी अस्पताल में हुई मौत के बाद हरसिद्धि बाजार में मातमी सन्नाटा पसरा है. साथ ही कई थानों की पुलिस एहतियातन मुस्तैद है.

आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल के बडे भाई विनय कुमार अग्रवाल ने कहा कि आग लगाने की घटना की जानकारी नहीं थी. साथ ही कहा कि भतीजा रोहित भाई बिपिन अग्रवाल की हत्या में पुलिस की कार्रवाई साजिश कर्ताओं के खिलाफ नहीं होने से परेशान था. इसी कारण ही वह आत्महत्या जैसे जघन्य कार्य को बाध्य हुआ. वहीं, मोतिहारी नगर के प्रसिद्ध व्यवसायी और विपिन अग्रवाल के रिश्तेदार विरेन्द्र जलान ने कहा कि समाज के लिए कार्य करने वाले के साथ ऐसी बदसलूकी होगी, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से समाजिक कार्य करने वाले आगे आने के पहले सोचने को विवश होंगे.

दूसरी ओर शुक्रवार की सुबह से कैमरे और मीडिया से बचने के बाद शाम में एसपी कुमार आशीष ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर को दिखाते हुए कहा कि रोहित अपने चाचा के साथ मिलने आया था, लेकिन उसकी मंशा मिलने की नहीं थी. इसी कारण वह मिलने के बजाय इधर-उधर घूम रहा था और अनाप-शनाप बोल रहा था. इसके साथ ही एसपी ने कहा कि पुलिस ने कोर्ट से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करने के लिए गुहार लगायी है. चूंकि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या के दर्ज मुकदमें में परिजनों ने किसी पर भी आरोप नहीं लगाते हुए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इसी कारण पुलिस के अनुसंधान में नाम आये अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है.

एसपी ने रोहित की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच का कार्य सीआईडी को भेजा जा रहा है. जहां तक पुलिस ने मामले का अनुसंधान किया उसके आगे अब सीआईडी अनुसंधान कर मामले का खुलासा करेगी और आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करेगी. दूसरी ओर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने घटना को दुखदायी बताते हुए पूरी घटना की रिपोर्ट सरकार को भेजने की बात कही है.

बता दें कि मोतिहारी के हरसिद्धी में दिवंगत RTI एक्टिविस्ट विपिन अग्रवाल की 24 सितंबर 2021 को हरसिद्धि ब्लॉक ऑफिस गेट के पास दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सुसाइड करने वाले 14 साल के रोहित का आरोप था कि पिता की हत्या में बड़े लोग शामिल हैं, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई करने से बच रही है. इसी की शिकायत लेकर गुरुवार को एसपी ऑफिस पहुंचा था, लेकिन मिल नहीं सका. अब SP डॉक्टर कुमार आशीष ने भी मामले में सफाई दी है.

गौरतलब है कि विपिन अग्रवाल ने हरसिद्धि ब्लॉक बाजार इलाके की कीमती 8 एकड़ सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रखा था. इस मामले में RTI से जानकारी लेने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में कई केस किया था. कोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण कर बनाए गए कई मकानों, दुकानों और पेट्रोल पंप को ढहा दिया गया था।.इसी कारण वह भू-माफियाओं के निशाने पर आ गए थे.

विपिन अग्रवाल के पिता विजय अग्रवाल ने कहा था कि हत्या से एक साल पहले 2020 में भी घर पर फायरिंग की गई थी. इसके बाद स्थानीय अधिकारियों से लेकर DGP तक अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी. थाने में कई आवेदन देकर सनहा और प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन प्रशासन हमेशा उदासीन बना रहा. मर्डर केस में शूटर्स की गिरफ्तारी के बाद अक्टूबर 2021 में पूर्वी चंपारण के तत्कालीन SP नवीन चंद्र झा ने कहा था कि हत्या के पीछे व्यापारियों, राजनेताओं और रियल एस्टेट एजेंटों की सांठगांठ थी. हालांकि उन्होंने नेताओं-कारोबारियों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया था.

यहां यह भी बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या मामले में अरेराज डीएसपी अभिनव धीमान के नेतृत्व में बनी एसआईटी की टीम ने ने बीते जनवरी में ही मुख्य शूटर सचिन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. हत्याकांड में शामिल दो शूटर सहित छह लोगों को हत्या की सुपारी में सहयोग करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के सामने दिए बयान में बताया था कि हरसिद्धि बाजार की करोड़ों की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के केस दर्ज करने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या की गई थी. 20 लाख रुपये में सुपारी दी गई थी.

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