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जांच में सही पाई गई शिकायत
बिक्रमगंज के एक वार्ड पार्षद ललन प्रसाद और एक पत्रकार ने इस बारे में शिकायत की थी। इस शिकायत पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बिक्रमगंज के अनुमंडल अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। टीम ने जांच के बाद पाया कि सड़क पर लगाए गए मेंटालिक साइन बोर्ड के 1 करोड़ 11 लाख और ई-रिक्शा के खरीद के लिए 80 लाख रुपये से अधिक की राशि का अनियमितता पूर्ण तरीके से भुगतान किया गया। साथ ही वस्तुओं के क्रय में उपयोगिता एवं गुणवत्ता संबंधी मापदंडों में वित्तीय अनियमितता की गई।
जांच के बाद प्रेमा स्वरूप को भेजा गया नोटिस, अब FIR का आदेश
रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच टीम के रिपोर्ट के बाद संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी प्रेमा स्वरूप को कारण बताओ नोटिस भेजा गया। इसके जवाब से जांच टीम संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी को मामले में एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने यह भी बताया कि जांच के दौरान वित्तीय अनियमितता उजागर हुई हैं। ऐसे में जांच के दौरान दोषी पाए गए बिक्रमगंज के नगर परिषद की तात्कालिक कार्यपालक पदाधिकारी प्रेमा स्वरूप और अन्य कर्मियों पर वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से FIR कर सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
वर्तमान में बक्सर जिला में पोस्टेड हैं प्यार के रूप में
बताते चलें कि कार्यपालक पदाधिकारी प्रेमा स्वरूप वर्तमान में बक्सर जिला में पोस्टेड हैं। नगर परिषद में और इनका माइका घर लखीसराय के मदनी चौक में है। इनके पति विवेक कुमार अभी पटना सीएम ऑफिस में ओएसडी के पद पर कार्यरत है। जब प्रेमा स्वरूप बिक्रमगंज में पोस्टेड थीं, उस समय में इनके पति विवेक कुमार डिहरी में एसडीएम के पद पर थे ।
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