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इत्तेफाक या प्रेशर पॉलिटिक्स?
बताया जा रहा है कि जेडीयू के सभी विधायक और मंत्री, मुख्य सचेतक श्रवण कुमार के विधानसभा स्थित दफ्तर में बैठे हुए थे और वहां पर किसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। इधर, सत्ता पक्ष के सदन से बाहर रहने पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इस बाबत जब जेडीयू कोटे से मंत्री लेसी सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा में कोई महत्वपूर्ण एजेंडा नहीं था, इसलिए हमलोग थोड़ा लेट आए। वहीं, जेडीयू विधायक संजीव सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम लोग कोई प्लानिंग के तहत सदन में नहीं गए। ये सब एक इत्तेफाक है।
इधर, इस प्रकरण के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कयास लगाया जाने लगा कि कहीं आरजेडी-जेडीयू में डील तो नहीं हो गई है? हालांकि बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि बीजेपी- जेडीयू में कोई मतभेद नहीं है। इस पर किसी को संशय नहीं होना चाहिए। हमलोग साथ-साथ हैं। हालांकि जानकार कह रहे हैं ये सब इत्तेफाक नहीं हो सकता। बीजेपी पर प्रेशर बनाने के लिए ये सब हुआ है।
तकरार के बीच पटना में धर्मेन्द्र प्रधान
इधर,बीजेपी-जेडीयू के बीच जारी घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान पटना पहुंचे हैं। पटना पहुंचते ही सबसे पहले वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। बाद केंद्रीय मंत्री भीखू भाई दलसानिला के आवास पर पहुंचे थे। वहां बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सहित बीजेपी के कई नेता मौजूद थे। हालांकि इस बैठक में किस मुद्दे पर चर्चा हुई, इस बात की जानकारी नहीं मिल पायी है।
विवाद को पाटने के लिए पटना आए हैं धर्मेन्द्र प्रधान?
खबरों के अनुसार,केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रहे विवाद को पाटने के लिए पटना आए हैं। यही कारण है कि सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की, उसके बाद बीजेपी के नेताओं से। हालांकि अभी जेडीयू की तरफ से इस मुलाकात पर कोई बयान नहीं आया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बिहार दौरा एनडीए गठबंधन के लिए काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, बिहार में ‘अग्निपथ’ को लेकर हुए बवाल के बाद बीजेपी और जेडीयू में खटास बढ़ गई है। दोनों दल के नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।
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