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बैठक में तेजस्वी नहीं हुए थे शामिल
गौरतलब है कि पिछले दिनों राज्य और केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अधिकृत कर दिया था। इस बैठक में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे। इसमें कोई शक नहीं कि आरजेडी MY समीकरण के बदौलत ही बिहार की सत्ता पर 15 वर्षों तक बनी रही। लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव के बाद तेजस्वी ने आरजेडी को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं।
इधर, इस मुद्दे पर आरजेडी के कोई नेता इस संबंध में बोलना नहीं चाह रहे। हालांकि आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी सभी जाति, वर्गों को साथ लेकर चलने पर विश्वास रखती है। राज्यसभा चुनाव को सिर्फ नहीं देखना चाहिए। वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी नेता ने आरजेडी पर हमला बोला है।
सुशील मोदी का तंज
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बाबा ( शिवानंद तिवारी ) को नहीं बनाया तो समझ में आ सकता है क्योंकि लालू जी की दुर्दशा के लिए बाबा ही जिम्मेवार हैं। परंतु जगता बाबू जिन्होंने लालू जी के जेल जाने के बाद खड़ाऊं को ईमानदारी से संभाल कर रखा और जो पार्टी का अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं उन को अपमानित कर राज्यसभा नहीं भेजा।
एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 में 76 टिकट MY समीकरण को दिया। भूमिहार को एक और कुर्मी को भी मात्र एक टिकट दिया। वहीं MY के एम को 18 और वाई को 58 टिकट दिया। अब लालू परिवार के 4 सदस्य संसद और विधान मंडल में हैं।
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