Home Bihar Rameshwar Jute Mill: रामेश्वर जूट मिल में काम ठप, श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

Rameshwar Jute Mill: रामेश्वर जूट मिल में काम ठप, श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

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Rameshwar Jute Mill: रामेश्वर जूट मिल में काम ठप, श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

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रिपोर्टर – रितेश कुमार

समस्तीपुर. उत्तर बिहार के इकलौते रामेश्वर जूट मिल के श्रमिकों ने काम बंद कर दिया है. श्रमिकों का कहना है कि मिल प्रबंधन द्वारा श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और वाजिब हक भी नहीं मिल पा रहा है. श्रमिकों ने वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए काम करने से इंकार कर दिया है. इसको लेकर एक बार फिर रामेश्वर जूट में ताला लटकने के कगार पर है. आपको बता दें यह जूट मिल समस्तीपुर जिला के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत भागलपुर पंचायत में है.

श्रमिकों का कहना है कि मिल प्रबंधक द्वारा मनमानी की जाती है और साथ ही श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार एवं उनके हक के साथ खिलवाड़ किया जाता है. मिल प्रबंधक द्वारा बिना सूचना दिए श्रमिक के बीमा को बंद कर दिया गया है. साथ ही पीएफ की राशि एवं अन्य सुविधा से वंचित कर दिया गया है, जो कि श्रमिकों के साथ किए गए वादे का उल्लंघन है. इस वजह से मजदूर काम बंद कर प्रशासनिक बिल्डिंग के पास पहुंचकर मिल परिसर में धरना पर बैठ गए हैं.

मिल प्रबंधक ने पुलिस और सीओ को दी जानकारी
श्रमिकों द्वारा काम बंद कर प्रशासनिक बिल्डिंग के पास आकर बैठ जाने के बाद भीड़ अनियंत्रित होते देख मिल प्रबंधक ने इसकी जानकारी कल्याणपुर पुलिस और सीओ को सूचना दी. सूचना मिलते ही सीओ कमलेश कुमार एवं कल्याणपुर थानाध्यक्ष गौतम कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से मिल प्रबंधन से वार्ता आरंभ की. हालांकि प्रारंभिक दौर में मिल प्रबंधक द्वारा मजदूर नेता के 5 सदस्य टीम के साथ बैठकर न्यूनतम शर्त रखने को कहा गया है, ताकि मिल को चलाया जा सके.

क्या है श्रमिकों की शर्त?
श्रमिकों का कहना है कि जूट मिल में करीब 3000 मजदूर कार्यरत हैं और मिल में 3 शिफ्ट में काम चलता है. एक शिफ्ट में 1000 श्रमिक कार्य करते हैं. ऐसे में किसी मजदूर के साथ अगर अनहोनी हो जाती है तो उन मजदूरों को न तो कोई लाभ मिलेगा और न ही समय पर उपचार हो पाएगा. श्रमिकों के मन में हमेशा हादसे का भय बना रहता है. इन परिस्थितियों को देखते हुए श्रमिक ने सर्वप्रथम मांग की है कि लेबर लॉ के अनुसार श्रमिक को एसआई हॉस्पिटल मुख्यालय में मेडिकल की सुविधा उपलब्ध हो एवं मिल के सभी श्रमिक का इंश्योरेंस लागू किया जाए. काफी समय से श्रमिकों का पीएफ बंद है उसे चालू कर ऑनलाइन किया जाए. श्रमिकों को 15 दिनों के अंदर लोन की सुविधा मिले सहित अन्य शर्तों के साथ मजदूर अपने काम पर वापस लौटने का वादा किया है.

मिल प्रबंधक के स्तर पर नहीं हो सकी सकारात्मक पहल
मिल प्रबंधक के साथ वार्ता कर रहे कल्याणपुर थानाध्यक्ष गौतम कुमार एवं सीओ कमलेश कुमार व स्थानीय मुखिया के साथ करीब 6 से 7 घंटे तक चली वार्ता के बीच सकारात्मक पहल नहीं निकल पाई है, जिसके कारण श्रमिकों में काफी नाराजगी देखने को मिली है. श्रमिक दीपक राय ने बताया कि श्रमिकों के हित की बात जब तक नहीं होती है, तब तक कर्मी काम पर नहीं लौटेंगे.

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