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रिपोर्ट- मो. सरफराज आलम
सहरसा. अक्सर ऐसा होता है चैत्र नवरात्रि और रमजान का समय आसपास ही होता है. इस बार भी कल 22 मार्च से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है तो उसके अगले दिन से रमजान का पर्व शुरू होने की संभावना भी है. रमजान की शुरुआत चांद देखने से होती है. इस दौरान अकीदतमंद हर दिन सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं और ईद के जश्न के साथ इस पवित्र महीने की समाप्ति हो जाती है. बता दें कि रमजान कभी 29 दिन का होता है तो कभी 30 दिनों का भी. चांद देखने के बाद ही रोजे का आखिरी दिन निश्चित किया जाता है.
कहा जाता है कि रमजान महीने में की गई इबादत का फल कई गुना ज्यादा मिलता है. इस कारण से इस धर्म को मानने वाले सभी अनुयायी एक माह तक रोजा रखते हैं और इबादत करते हैं. सहरसा बड़ी मस्जिद के इमाम मौलाना सोहराब मदनी बताते हैं कि इस पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं.
मदनी के मुताबिक इमारत-ए-शरिया से फरमान में कहा गया है कि 23 मार्च से तरावी शुरू कर दी जाएगी. उसी दिन से माहे रमजान की शुरुआत होगी. 24 मार्च से पहला रोजा होगा. अगर 22 मार्च को चांद देखा जाएगा तो 22 मार्च से तरावी शुरू होगी और 23 मार्च से पहला रोजा होगा.
रोजे के पहले दिन सेहरी का आखरी वक्त सुबह के 4:26 बजे, इफ़्तार का समय शाम के 5:56 बजे होगा. इसके अलावा इमारत-ए-शरिया से जारी किए गए कैलेंडर में समय सारणी को निर्धारित किया गया है. यह समय सारणी सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले में एक ही होगी.
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टैग: बिहार के समाचार, रमजान
पहले प्रकाशित : 21 मार्च, 2023, 4:53 अपराह्न IST
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