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सार
जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य सभा के लिए उम्मीदवार चुनने के लिए अधिकृत कर दिया गया था। नीतीश ने आरसीपी सिंह को टिकट न देकर खीरू महतो पर अपना दांव खेला है। इसके बाद आरसीपी सिंह का बयान सामने आया है।
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विस्तार
बिहार में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत चरम पर है। उधर, आरसीपी सिंह पर नीतीश कुमार के एक फैसले ने भाजपा को असहज कर दिया है। अब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर है कि आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहेंगे या उनकी कुर्सी जाएगी। इस बीच कांग्रेस ने भी जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की पत्नी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेल दिया है।
इन सबके बीच जदयू से टिकट न मिलने पर पहली बार आरसीपी सिंह का बयान सामने आया है, वहीं जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी उन्हें प्रत्याशी न बनाए जाने को लकर बयान दिया है।
पहली बार बोले ललन सिंह
आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजा जाएगा या नहीं? यह सवाल जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह से पिछले 15 दिन से किया जा रहा था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, अब पहली बार उन्होंने आरसीपी सिंह को लेकर बयान जारी किया है। टिकट न दिए जाने पर उन्होंने कहा है, आरसीपी सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें जदयू दो बार राज्यसभा भेज चुकी है। पहले भी उनको पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारियां दी गई हैं। जहां तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी सिंह के भविष्य का सवाल है तो इस पर फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है।
क्या बोले आरसीपी
जदयू की ओर से राज्यसभा टिकट पाने के लिए आरसीपी सिंह ने खूब दौड़ लगाई थी। पिछले दिनों वे सीएम नीतीश कुमार और पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह से भी मिले थे। इसके बावजूद जयदू ने उन पर भरोसा नहीं जताया, जिसके बाद पहली बार आरसीपी सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने इस बारे में कोई खास टिप्पणी न करते हुए सिर्फ इतना ही कहा है कि पार्टी ने जो उचित समझा वह किया।
रंजीत रंजन को राज्यसभा भेजेगी कांग्रेस
पूर्व सांसद व जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस ने उन्हें छत्तीसगढ़ से राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है। यहां पर कांग्रेस ने राजीव शुक्ला को भी टिकट दिया है। बता दें 2014 में रंजीत रंजन कांग्रेस से लोकसभा सांसद थीं, लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भेज रही है।
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