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पटना विवि में आज छात्र संघ का चुनाव था। इसके लिए वोटिंग थी। मगर आज पटना विमेंस कॉलेज की छात्राओं ने जो कहा उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार यदि पटना विमेंस कॉलेज को मोबाइल फोन ले जाने और ड्रेसकोड से आजादी नहीं मिली तो अगला छात्र संघ चुनाव का मुद्दा यही होगा। जो नेता इससे आजादी दिलाने की बात करेगा का पटना विमेंस कॉलेज उसी को वोट करेगा। जानिए क्या
बताते चलें कि आज पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग थी। इस दौरान कतार में खड़ी होकर छात्राओं ने वोट किया। हालांकि छात्र नेताओं की ओर से इन छात्राओं के लिए कोई वैसे कोई मुद्दा नहीं था, जो विमेंस कॉलेज की छात्राओं को याद हो और वो इन मुद्दों के आधार पर उनसे वोट मांग सकें। मगर NBT ने जब छात्राओं से पूछा कि पटना विमेंस कॉलेज की छात्राएं क्या बदलाव चाहती हैं? तो उन्होंने बताया कि वो मोबाइल फोन अलाउ करवाने और ड्रेस कोड को खत्म करने के लिए वोट करने आईं हैं। छात्राओं ने बताया कि वो चाहती हैं कि उन्हें कॉलेज में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति हो। उन्हें कॉलेज में बात करने पर पाबंदी न हो। उनका कहना है कि इमरजेंसी में उन्हें पैरेंट्स से बात करने के लिए इसकी आजादी चाहिए। हालांकि उन्होंने इशारों-इशारों में उन्होंने ये भी बताने की कोशिश की कि वो कॉलेज में आ गईं हैं। इतनी पाबंदी उन्हें ठीक नहीं लगती हैं। छात्राओं ने ये भी बताया कि पहले कॉलेज में फोन अलाउड नहीं था। मगर सुरक्षा कारणों से वो फोन बैग में रख सकती हैं। मगर बात करने की अनुमति नहीं है। कॉलेज के भीतर इमरजेंसी में बात करने की अनुमति है।
अगला चुनाव मोबाइल फोन और कुछ भी पहने की आजादी के लिए
वैसे तो पटना विमेंस कॉलेज देश के सबसे अनुशासित कॉलेजों में से एक है। जिसका अपना ड्रेसकोड है। अनुशासित छात्राएं युनिफॉर्म में ही आती हैं और फोन पर पाबंदी है। इस बीच कुछ छात्राओं ने यह भी बताया कि वो युनिफॉर्म से आजादी चाहती हैं। दरअसल, बदलते समय में वो मोबाइल और ड्रेस कोड के बंधनों से अपने कॉलेज को आजाद देखना चाहतींं हैं। बताते चलें कि बहुत सी छात्राएं ऐसी थीं। जिन्होंने एनबीटी के कैमरे पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन कैमरे से अलग बात करने पर उन्होंने ये जरूर बता दिया कि मोबाइल फोन से प्रतिबंध हटवाने और ड्रेस कोड को खत्म करने की चिंगारी अंदर-अंदर जल रही है। बातचीत में छात्राओं अपनी इच्छा ये भी जाहिर की कि वो कॉलेज में आ चुकीं हैं। उन्हें इतनी पाबंदियां पसंद नहीं। ये पाबंदियां थोड़ी ज्यादा हो जाती हैं। वो चाहती हैं कि वो जिस कपड़े में आना चाहें कॉलेज आएं। उन्हें लगता है उनके चुने कैंडिडेट जीत कर आएंगे तो इस बंधन से उन्हें आजादी मिल जाएगी।
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