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रिपोर्ट- विक्रम कुमार झा
पूर्णिया. पूर्णिया की किलकारी टीम को बंदे भारत नृत्य उत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुति करने का मौका नहीं दिया. इसको लेकर किलकारी पूर्णिया की त्रिदीप शील ने आयोजनकर्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर कई कलाकारों और दलों को नहीं मिल पा रहा है. इस सांस्कृतिक आयोजन में, जहां हम कलाकार आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए अमृत बरसने का इंतजार कर रहे थे, वहीं हमे विष का घूंट पीना पड़ रहा. यह वह किसी आवेग में नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसा कहने के पीछे एक पूरा प्रसंग है. जो तथ्यपूर्ण दृष्टि से हमें ऐसा सोचने के लिए विवश कर रहा है.
फाइनल सूची में नाम होने के बाद भी कार्यक्रम में नहीं किया आमंत्रित
त्रिदीप शील ने बताया कि वंदे भारतम् नृत्य उत्सव प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए तीन अलग-अलग चक्र (राज्य स्तरीय पटना, क्षेत्रीय स्तरीय कोलकाता ,राष्ट्रीय स्तरीय दिल्ली) में कलाकारों को चयनित करने की प्रक्रिया अलग अलग शहर में पूरी की गई. जिसके बाद दिल्ली में आयोजित अंतिम चयन प्रक्रिया के लिए आयोजित चक्र में संबंधित विभाग के द्वारा आमंत्रित प्रतिभागियों की प्रस्तुति हुई. अंतिम चयन सूची की घोषणा भी कर दी गई. इस फाइनल सूची में चयनित अन्य दलों के साथ, बिहार बाल भवन किलकारी की टीम के नाम की घोषणा समूह लोक नृत्य विधा की चयनित सांस्कृतिक दल के रूप में किया गया. परंतु मुख्य कार्यक्रम में चयन सूची के मुताबिक बिहार बाल भवन किलकारी को समूह लोक नृत्य की प्रस्तुति के लिए कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया गया.
संबंधित विभाग के अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
इस संदर्भ में जब संबंधित विभाग के अधिकारियों को लिखित जानकारी दी गई तो, उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया, कि जो घोषणा फाइनल राउंड के चयन प्रक्रिया के बाद अंतिम चक्र में की गई थी, उसमें भूलवश बिहार बाल भवन किलकारी का नाम ले लिया गया था. जबकि हमारे परिवेश के गली मोहल्लों में भी अगर कोई सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किसी खास अवसर पर किया जाता है, तो वहां भी यह खयाल रखा जाता है, कि ऐसी भूल न हो. जिससे पारदर्शिता पर संदेह पैदा होने की गुंजाइश बन जाए, लेकिन देश के एक जवाबदेह मंत्रालय के मातहत होने वाले इस कार्यक्रम के मंच से ऐसी भूल कैसे हो गई ? यह एक विचारणीय प्रश्न है.
9 डिग्री सेल्सियस में नहीं छोड़ा था अभ्यास
आपके शहर से (पूर्णिया)
त्रिदीप शील ने बताया कि जनवरी के आरंभ में बिहार में ठंड का पारा इतना था कि विगत कई दशक के बाद यहां का टेंपरेचर 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. यहां के सामन्य जन अपने घरों से निकलने के लिए भी सोचा करते थे, लेकिन हमारी टीम के कलाकारों ने भीषण ठंड में भी एक जगह इकट्ठा होकर अपना पूर्वाभ्यास जारी रखा और यह सोचकर उत्साहित होते रहे कि वंदे भारत में अपनी मातृभूमि को नमन करने का मौका हमें भी मिलेगा. लेकिन हुआ बिल्कुल इसके विपरीत, जिसके फलस्वरूप हमारी टीम के कलाकारों को गहरा मानसिक आघात पहुंचा है. निश्चित तौर पर यह हमारी प्रतिभा को दबाने का एक ऐसा तरीका है,जो अपने आप में अत्यंत घातक है. क्योंकि इस चयन प्रक्रिया के जो साक्ष्य हमारे सामने हैं, उसे देखकर साफ साफ यह समझा जा सकता है कि मामले की असलियत क्या है.
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पहले प्रकाशित : 29 जनवरी, 2023, भारतीय समयानुसार शाम 4:26 बजे
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