Home Bihar Purnea News: OMG! पूर्णिया में जब फरिश्ता बनकर आई ANM, गर्भवती और नवजात की बचाई जान

Purnea News: OMG! पूर्णिया में जब फरिश्ता बनकर आई ANM, गर्भवती और नवजात की बचाई जान

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Purnea News: OMG! पूर्णिया में जब फरिश्ता बनकर आई ANM, गर्भवती और नवजात की बचाई जान

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पूर्णिया. कहते हैं धरती का भगवान डॉक्टर होते हैं. पर यहां पर एक सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी (ANM) फरिश्ता बनकर आई और गर्भवती और उसके बच्चे की जान बचाई. मामला पूर्णिया जिले के डगरूआ के बनकोरा गांव का है. यहां प्रमोद कुमार अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल जा रहे थे. तभी उनकी पत्नी के पेट में अचानक दर्द होने लगा और वह सड़क किनारे तड़पने लगी.

घबराए पति ने अपनी पत्नी की नाजुक हालत देख बगल से जा रही एएनएम मधु को आवाज देकर बुलाया. मधु ने महिला की हालत देखी और आसपास के लोगों को बुलाया. फिर अपनी सहयोगी किरण के साथ साड़ी और अन्य कपड़ों से घेरकर उसी जगह पर ग्रामीण और अन्य राहागिरों की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया. मौजूद लोगों ने मौके पर एंबुलेंस बुलाकर नवजात एवं प्रसूता को बेहतर उपचार के लिए अस्पताल भेजा. जहां डॉक्टरों ने जांच कर जच्चा-बच्चा को स्वस्थ बताया और संबंधित टीके देकर रवाना किया.

पति प्रमोद ने बताया कि समय पर मधु दीदी नहीं आतीं, तो शायद आज अपनी पत्नी सुलेखा और नवजात को जिंदा नहीं देख पाते. प्रसव पीड़ा सड़क पर ही शुरू हो गई था. हालांकि हम नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अमौर ही जा ही रहे थे. लेकिन अचानक असहनीय दर्द शुरू हो गया. जिस कारण पत्नी सड़क किनारे ही तड़पने लगी. लेकिन इसी बीच एएनएम मधु दीदी भगवान बनकर पहुंच गईं.

प्रमोद कुमार विश्वास ने कहा कि मैं अपनी पत्नी को मोटरसाइकिल पर बैठा कर अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन इसी बीच प्रसव पीड़ा अचानक बढ़ गई. तब मैंने उसे मोटरसाइकिल से उतारकर सड़क किनारे बैठा दिया. उतनी ही देर में रेफरल अस्पताल के प्रबंधक अनिल कुमार पासवान को कॉल कर एम्बुलेंस बुला लिया. लेकिन एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही शायद भगवान ने एएनएम मधु कुमारी को वहां भेज दिया. जिससे मेरी पत्नी का सुरक्षित प्रसव सड़क किनारे ही हो गया. हालांकि आशा कार्यकर्ता गायत्री देवी भी कपड़ा लेकर पहुंच गईं. सड़क किनारे किसी तरह कपड़े से घेराबंदी कर सुरक्षित प्रसव कराया गया है. आज से पहले तक अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मियों की खामियों के अलावा लापरवाही की बातें सुनते आ रहे थे लेकिन आज हमको पूरा विश्वास हो गया है कि स्वास्थ्यकर्मी किसी भगवान से कम नहीं होते हैं.

इस संबंध में एएनएम मधु कुमारी ने बताया कि स्थानीय प्रखंड के बनकोरा गांव के रहनेवाले प्रमोद कुमार विश्वास की पत्नी सुलेखा देवी (27) सड़क किनारे प्रसव पीड़ा से तड़प रही थीं. जिस कारण भीड़ इकठ्ठा हो गई, लेकिन उसी समय हम भी रास्ते से गुजर रहे थे. भीड़ को देखकर वहां पहुंची तो कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला. जब तक हम कुछ समझ पाते तब तक आशा कार्यकर्ता कपड़ा लेकर पहुंच गई. फिर हम सबने मिलकर प्रसव कराया. एएनएम मधु ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की कि समय रहते अस्पताल पहुंचें, ताकि आसानी से संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव कराया जा सके.

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पहले प्रकाशित : 18 अप्रैल, 2023, 21:26 IST

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