[ad_1]
बीजेपी और जेडीयू के बीच तनातनी के बीच बीजेपी की ओर से यह फेंकी गई वो गेंद थी जिसे खेलना जेडीयू के लिए मजबूरी थी। जेडीयू ने भी इस यार्क को फुलटॉस की तरह खेल डाला। दरअसल, द्रौपदी मुर्मू के नाम पर विरोध करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए कई लिहाज से घाटे का सौदा साबित होता। ऐसे में जेडीयू ने इस गेंद को बड़ी चतुराई से खेल दिया है। इसे एक तरफ दूरियों को पाटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
एक साथ साधे कई निशाने
दरअसल, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की ओर से बिना देरी किए सहमति का ऐलान कर दिया गया। तत्काल द्रौपदी मुर्मू के नाम पर राजी हो गए। पार्टी की ओर से सबसे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, ने इस बात का ऐलान अपने ट्वीटर के जरिए किया। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के नाम पर कोई ऐतराज नहीं है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि इस एक नाम से नीतीश कुमार ने एक साथ चार निशाने तो साधे ही हैं, झारखंड की राजनीति में भी दखल को मजबूत करने के लिए जमीन तैयार की है। पहला निशाना बिहार के साथ झारखंड में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही पार्टी के लिए महिला और उसमें भी आदिवासी और पिछड़ा होना नीतीश कुमार की ओर से ऑब्जेक्शन उठाना खतरनाक हो सकता था। लिहाजा पार्टी के लिए झारखंड में अपनी जमीन तलाशने की कोशिश पर झटका लग सकता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि जेडीयू की ओर से इसी बात को ध्यान में रखते हुए खीरू महतो को राज्यसभा का टिकट दिया गया।
बीजेपी से दूरियों पर भी संतुलन
देखा जाए तो लगातार बीजेपी के साथ जेडीयू के टकराव हो हैं। चाहे जाति आधारित जनगणना हो या यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड का मुद्दा जेडीयू बीजेपी में अपने वोट को लेकर लड़ाई चलती रही है। सीएए और एनआरसी पर भी दोनों पाटियों की अलग राय है। बिहार में अग्निपथ स्कीम को लेकर भी जेडीयू और बीजेपी के बीच तलवारें खिंंचती नजर आईंं। ऐसे में इन दूरियों को पाटने की कोशिश भी जरूरी थी। लिहाजा नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से बिना देरी किए द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति का संदेश देकर दोस्ती और भविष्य की राजनीति दोनों को साधने की कोशिश की गई।
ललन सिंह ने ट्वीट कर समर्थन का किया ऐलान
JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने बुधवार को दोपहर 12:44 मिनट पर एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए इस बात का ऐलान कर दिया कि राष्ट्रपति पद के लिए जो पीएम नरेंद्र मोदी यानि बीजेपी की पसंद हैं, उससे इस दफे सीएम नीतीश कुमार को कोई गुरेज नहीं है। द्रौपदी मूर्मू की तस्वीर के साथ ललन सिंह ने पहले ट्वीट में लिखा कि ‘राष्ट्रपति के चुनाव में गरीब परिवार में जन्मी एक आदिवासी महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी सिद्धांततः महिला सशक्तिरण एवं समाज के शोषित वर्गों के प्रति समर्पित रहे हैं।’
इसके ठीक बाद ललन सिंह ने दूसरा ट्वीट किया कि ‘जनता दल (यू) श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की उम्मीदवारी का स्वागत एवं समर्थन करती है। राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाये जाने पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।’ इस तरह से नीतीश ने द्रौपदी मूर्मू की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के समर्थन पर अपनी मुहर लगा दी।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पोस्ट के जरिए इस बात का खुलासा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी। नीतीश ने लिखा है कि ‘श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी महिला हैं। एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा सरकार में मंत्री तथा इसके पश्चात् झारखण्ड की राज्यपाल भी रह चुकीं हैं। कल प्रधानमंत्री जी ने बात कर इसकी जानकारी दी थी कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी को भी इसके लिए हृदय से धन्यवाद।’
[ad_2]
Source link